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जानें दुनिया की 5 सबसे बड़ी कमांडो फोर्सेज

हर एक देश की अपनी ही एक सेना होती है और उस सेना में से सबसे जांबाज, सबसे बेस्ट सैनिकों को चुन कर बनाई जाती है “स्पेशल फोर्स”.जिसका गठन देश के विशेष उद्देश्यों के लिए किया जाता है. आइये जानते हैं की दुनिया के 5 सबसे खतरनाक कमांडों के बारे में.

1. SAS ब्रिटिश

ब्रिटेन की स्पेशल फोर्स SAS है. यह दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे अच्छी अभिजात वर्ग समूह है. इस स्पेशल एयर सर्विस का गठन दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1941 में किया गया था. इसको पूरी दुनिया में सम्मान अपनी जाबांजी के लिए दिया जाता है. इसे दुनिया की बेहतरीन स्पेशल फोर्सेस में से एक माना जाता है. ये फोर्स भी घातक प्रशिक्षण से गुजरती हैं और हर प्रकार के माहौल का मुकाबला करने के लिए इन्हें तैयार किया जाता है. हम आपको बता दें कि ये फोर्स आतंकवादी घटनाओं के खिलाफ तो काम करती ही है और साथ ही अन्य देशों में विरोधी सेना को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है. ये अमेरिकी नौसेना सील और संयुक्त राज्य अमेरिका में अन्य विशिष्ट समूहों को प्रशिक्षित करने के लिए भी जानी जाती है.

2. अमेरिकी नौसेना सील

अमेरिका की सबसे घातक और खतरनाक कमांडो फोर्स नेवी सील को माना जाता है. सील टीम को जमीन से अधिक पानी में प्रशिक्षित किया जाता है, क्योंकि वे एक समुद्री विशेष समूह बनने के लिए परिपूर्ण हैं. इसका गठन 1962 में नदी, महासागर और दलदल जैसे जल निकायों के हमलों से निपटने के लिए किया गया था. इनकी ट्रेनिंग को भी दुनिया में सबसे खतरनाक माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि 100 में से 95 सैनिक तो नेवी सील में शामिल होने से पहले ही रिजेक्ट कर दिए जाते हैं. मिशन का मुकाबला करने के लिए इस फोर्स को अत्यधिक आक्रामक और शारीरिक क्षमताओं वाला कहा जाता है. क्या आप जानते हैं कि सील टीम -6 को अफगानिस्तान में ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए भी जाना जाता है.

3. डेल्टा फोर्स, यूएसए

इस कमांडो फोर्स को दुनिया की सबसे खतरनाक और तेज कार्यवाई के लिएजाना जाता है. इसका स्थान अमेरिका खुफिया बलों में सबसे ऊपर है. हम आपको बता दें कि डेल्टा फोर्स यू एस की नेवी सील से अलग है, क्योंकि इसकी चयन प्रक्रिया और प्रशिक्षण दोनों अलग हैं. इस फोर्स को सबसे अधिक परिष्कृत तकनीक के साथ प्रशिक्षित किया जाता है ताकि विशेष अभियानों और बचाव कार्यों को अंजाम दिया जा सके. 1997 में विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों के बाद इसे सार्वजनिक तौर से प्रदर्शित किया गया है. इसका मुख्य कार्य आतंकवादी गतिविधियों को रोकना तथा अन्य राष्ट्रविरोधी ताकतों को रोकना और इसके लिए अत्याधुनिक हथियारों से सुसज्जित अमेरिका सरकार ने किया है. 11 सितंबर, 2001 के दौरान अफगानिस्तान में तालिबान को खत्म करने के लिए डेल्टा फोर्स का इस्तेमाल किया गया था. क्या आप जानते हैं कि डेल्टा फोर्स के ऊपर नेशनल ज्योग्राफिक चैनल और Discovery चैनल भी कई डॉक्यूमेंट्री बना चुके हैं.

4. रूसी स्पट्सनाज

रूस की स्पेशल फोर्स स्पट्सनाज है. अच्छी तरह से प्रशिक्षित अल्फा समूह स्पट्सनाज का ही हिस्सा है. यह दुनिया का अत्यधिक प्रशिक्षित समूह है. इनके प्रशिक्षण को दुनिया में सबसे क्रूर और सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है. ये कमांडों इतने खतरनाक हैं कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी रूस को उबारने की काबिलियत रखते हैं. इतना खतरनाक परिक्षण यूरोप और अमेरिका में प्रतिबंधित है. ये सीधे सैन्य खुफिया समूह GRU (Spetsnaz GRU) द्वारा नियंत्रित हैं. ये द्वितीय विश्व युद्ध, बचाव अभियानों और कई उच्च-प्रोफाइल हत्याओं के दौरान गुप्त कार्रवाई करने के लिए जाने जाते हैं. कुछ महत्वपूर्ण मिशनों में ये अल्फा समूह के साथ काम करते हैं.

5. मार्कोस (भारत)

मार्कोस भारतीय नौसेना के समुद्री कमांडो समूह हैं जिन्हें बहादुरी और सफल ऑपरेशन के लिए विश्व भर में सराहना मिलती है. देश के मरीन कमांडो जमीन,हवा,और पानी में लड़ने के लिए पूरी तरह से सक्षम होते है. ये कमांडो HALO और HAHO में प्रशिछित होते हैं और घातक युद्ध हतियार जैसे रायफल, स्नाइपर से सुसज्जित किया जाता है. साथ ही इन्हें मनोवैज्ञानिक परिस्थितियों से लड़ने का सबक भी सिखाया जाता है. मार्कोस दुनिया के सबसे ताकतवर और खतरनाक कमांडों में से एक हैं. कहा जाता है कि 10,000 में से एक बनता है मार्कोस कमांडो. हाथ-पैर बंधे होने पर भी तैर सकते है ये भारत के मार्कोस कमांडो. मानसिक और शारीरिक क्षमताओं में ये नेवी सील को भी पीछे छोड़ देते हैं. कारगिल युद्ध में इन्होने सेना की सहायता की थी और 26 /11 के मुंबई हमले में आतंकवादियों से निपटने में इनकी खास भूमिका थी. इन कमांडो को स्पेशल कराटे ( मार्शल आर्ट ) सिखाये जाते है. यह हर तरह के हथियार, हेलीकाप्टर , जहाज चलाना जानते है.