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ग्वालियर को हॉकी में दो अवार्ड: ग्वालियर की पहली विक्रम अवार्डी बनी करिश्मा यादव

खेल विभाग ने शुक्रवार को पिछले साल के राज्य खेल पुरस्कार के लिए 28 नाम घोषित कर दिए हैं. ग्वालियर की पहली इंटरनेशनल हॉकी प्लेयर करिश्मा यादव ने एक बार फिर इतिहास बनाया. विक्रम अवार्ड के लिए चयनित होकर वे प्रदेश की तीसरी और ग्वालियर की पहली महिला खिलाड़ी बनीं. उनसे पहले मधु यादव और अविनाश सिद्धू इस अवार्ड से नवाजी जा चुकी हैं.


वहीं मप्र राज्य महिला हॉकी अकादमी की ही इशिका चौधरी का चयन एकलव्य अवार्ड के लिए हुआ है. दर्पण मैदान से हाॅकी की शुरुआत करने वाली करिश्मा 2015 में एकलव्य अवार्ड भी ले चुकी हैं.

करिश्मा- इशिका ने दी ग्वालियर को एक नयी पहचान

करिश्मा और इशिका में बहुत टैलेंट हैं. जब ये दर्पण मैदान पर मेरे पास कोचिंग लेने आती थी उस समय ही इनमें बड़े खिलाड़ियों जैसे गुण दिखते थे. मप्र राज्य महिला अकादमी में आने के बाद उन्होंने यह साबित भी कर दिया. दोनों खिलाड़ियों ने ग्वालियर और देश को खेल में विशेष पहचान बनायीं है.

ओलिंपिक खेलना टारगेट है. इसके लिए मेरा प्रयास जारी है, अभी टीम में वापसी करना बड़ा चैलेंज है. उसकी ही तैयारी कर रही हूं. प्रैक्टिस में बहुत सारे परिवर्तन किए हैं, जो मैदान पर लौटने में मददगार साबित होंगे.


राज्य महिला हॉकी अकादमी के नाम पहला विक्रम, चौथा एकलव्य अवार्ड मप्र राज्य महिला हॉकी अकादमी ग्वालियर में अब पदकों की संख्या 5 हो गई है. करिश्मा यादव ने अकादमी को पहला विक्रम अवार्ड दिलाया. जबकि इशिका के साथ अब अकादमी में एकलव्य अवार्ड की संख्या चार हो गई है. पहले दो एकलव्य अवार्ड करिश्मा यादव और नेहा सिंह को संयुक्त रूप से 2015 में मिले थे. जबकि तीसरा एकलव्य अवार्ड नीरज राणा को 2018 में दिया गया.

देश को गोल्ड दिलाना मेरा लक्ष्य

हॉकी प्लेयर, इशिका चौधरी ने कहा कि पहला लक्ष्य है सीनियर टीम में जगह बनाना. इसके बाद खुद को साबित कर देश को ओलिंपिक में गोल्ड दिलाना चाहती हूं. ऑस्ट्रेलिया टूर पर उप-कप्तानी की भूमिका निभाना मेरे लिए अच्छा अनुभव रहा. निश्चित रूप से भविष्य में यह अनुभव टीम को जीत दिलाने में काम आएंगे.