2023 मिशन: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ इस पद से अलग होकर उठायेंगे बड़ी जिम्मेदारी
मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश में कांग्रेस को विधानसभा में नया नेता प्रतिपक्ष जल्दी ही मिल सकता है, क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ इस पद के बाद बड़ी कमान संभाल सकते हैं. कांग्रेस अपनी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी. इतना जरूर है कि जो नया नेता प्रतिपक्ष बनेगा वह कमल नाथ की पसंद का ही होगा. राज्य विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र 28 दिसंबर से शुरू होने वाला है,तो वहीं जनता को लग रहा है की नये प्रतिपक्ष नेता के साथ सामने आयेगी कांग्रेस.
कमलनाथ सबसे लंबे समय तक सेवारत लोकसभा सदस्यों में से एक
मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से उन्होंने लगातार नौ बार जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड बनाया है. कमलनाथ को 1980 में 7 वीं लोकसभा, फिर से 8 वीं लोकसभा में 1985, 9 वीं लोकसभा में 1989, और 10 वीं लोकसभा में 1991 में उन्हें शामिल किया गया था. साल 1991 में कमलनाथ को पहली बार वह केंद्रीय मंत्री बनाया गया था.
उन्हें पर्यावरण और वन मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री का पद मिला.
अहमद पटेल के निधन के बाद कमलनाथ की राजनीति में भूमिका बढ़ सकती है
पार्टी के अंदर तो यह कहा जा रहा है कि वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन होने के बाद कमलनाथ की कांग्रेस की केंद्र की राजनीति में भूमिका बढ़ सकती है और उन्हें बड़ी जिम्मेदारी भी पार्टी हाईकमान सौंप सकता है. बीते दिनों कमलनाथ की सोनिया गांधी से हुई मुलाकात को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है.
नेता ऐसा हो जो मध्यप्रदेश की भावनाओं को समझ सके
पद के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के सज्जन वर्मा के अलावा डॉ. गोविंद सिंह, हर्ष यादव, बृजेंद्र सिंह राठौर जैसे नेताओं के भी नाम लिए जा रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का मानना है कि कांग्रेस का नेता प्रतिपक्ष ऐसा होना चाहिए जो जमीन पर लड़ाई लड़ सके.
2023 की जिम्मेदारी निभाने के पक्ष में है कमलनाथ
कमल नाथ भी नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने का मन बना चुके हैं, इसकी वजह है क्योंकि कमल नाथ प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी अपने पास रखते हुए वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी निभाने के इच्छुक हैं. इसलिए इस बात की संभावना ज्यादा है कि कमल नाथ प्रदेशाध्यक्ष बने रहेंगे और नेता प्रतिपक्ष वहीं बनेगा जिसे कमल नाथ चाहेंगे.