नेता प्रतिपक्ष के तौर पर विधानसभा में कमलनाथ ने दिया पहला भाषण
विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. पिछले बजट सत्र और इस बजट सत्र में जमीन आसमान का अंतर है. पिछली बार बजट सत्र में कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी और अब इस बार विपक्ष में है. नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर भाषण दिया. यह पहला मौका था जब कमलनाथ ने मध्यप्रदेश की विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर पहली बार किसी भाषण में हिस्सा लिया और सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल के अभिभाषण में राज्य सरकार की योजनाओं के आगे प्रस्तावित शब्द होने पर सवाल खड़े किए. साथ ही ये भी कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में मौजूदा मुद्दों और समस्याओं को शामिल नहीं किया गया जो कई सवाल खड़े करता है. अच्छा यह होता कि राज्यपाल के अभिभाषण में किसान आंदोलन और बेरोजगारी से जुड़े मुद्दों को शामिल किया जाता. कमलनाथ ने अपनी 15 महीने की सरकार पर बीजेपी के आरोप का भी भाषण के जरिए जवाब दिया.
जनादेश के अपमान की जनता है गवाह
कमलनाथ ने कोरोना से निपटने में नाकाम रहने के अपनी सरकार पर लगे आरोपों पर कहा कि 2018 के चुनाव में जनता ने हमें अपना जनादेश दिया था. मार्च 2020 में कोरोना जब फैलना शुरू हुआ उस वक्त हमारी सरकार कोरोना से निपटने की तैयारी कर रही थी. लेकिन ठीक उसी समय प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बेंगलुरु में थे. हमने विषम परिस्थितियों में प्रदेश की सरकार चलायी थी.