BhopalMadhya Pradesh

शिवराज की मंत्री के आपत्तिजनक बयान पर कमलनाथ धरने पर बैठे, बाद में मांगनी पड़ी माफी

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के एक दिन का सत्र भले ही डेढ़ घंटे के भीतर खत्म हो गया हो लेकिन इस दौरान सियासत जमकर हुई. विपक्ष ने सदन में निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज में हो रही लापरवाही के विरोध में हंगामा किया तो सदन के बाहर जयस के खिलाफ शिवराज सरकार की मंत्री उषा ठाकुर के बयान के विरोध में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ खुद धरने पर बैठ गए। कमलनाथ के साथ कांग्रेस विधायक और जयस नेता हीरालाल अलावा भी धरने पर बैठे। विपक्ष ने सरकार से उषा ठाकुर को बर्खास्त करने की मांग की। हालांकि अब से कुछ देर पहले उषा ठाकुर ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली।

जयस नेता और कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा का आरोप है कि उषा ठाकुर ने महू में अपने एक बयान में जयस को देशद्रोही संगठन करार दिया था। उनका यह बयान आपत्तिजनक है क्योंकि जयस आदिवासी इलाकों में आदिवासियों के उत्थान के लिए काम कर रहा है। लिहाजा सरकार को उषा ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। हीरालाल अलावा की इस मांग का समर्थन करने के लिए नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ भी विधानसभा परिसर में बनी महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे धरना देने के लिए पहुंच गए।

सरकार का इनकार
विपक्ष की इस मांग को सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया। शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कांग्रेस सड़क पर तो जनता के हितों की बात नहीं करती। सदन के भीतर भी उन्हें राजनीति करने का मौका नहीं छोड़ना है। हीरालाल अलावा और नेता प्रतिपक्ष उस विषय को लेकर धरने पर बैठे जो मंत्री उषा ठाकुर ने कभी कहा ही नहीं। उन्होंने हीरालाल के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष को फिजूल के विषय पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।

हीरालाल अलावा और जयस
सदन के अंदर उषा ठाकुर का सबसे ज्यादा विरोध कांग्रेस के विधायक हीरालाल अलावा ने किया। पूर्व मंत्री सुरेंद्र बघेल ने भी ये मुद्दा उठाया। हीरालाल अलावा वही नेता हैं जिन्होंने मध्यप्रदेश में जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन जयस के जनक हैं। वो दिल्ली स्थित एम्स में अपना सरकारी पेशा छोड़कर इसके संयोजक भी रहे। लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया और वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। इतना ही नहीं उन्होंने चुनाव में जीत भी दर्ज की. हीरालाल अलावा पर एक आरोप यह लगता है कि उन्होंने जयस का राजनीतिक फायदा उठाया।

उषा ठाकुर ने माफी मांगी
जयस को लेकर दिए गए बयान के बाद मचे बबाल पर मंत्री उषा ठाकुर ने माफी मांग ली। उन्होंने कहा-मेरी भावनाओं से मेरे शब्दों से कोई आहत हुआ हो तो मैं क्षमा चाहती हूं। जनजातीय समाज के संगठन राजनैतिक दल के खिलौना न बनें, बेहतर हो सामाजिक उत्थान के काम करें। जनजातीय के बीच कुछ राष्ट्रविरोधी लोग और संगठन काम कर रहे हैं उनसे सतर्क रहना ज़रूरी है।