राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मिले कमलनाथ, 19 सीटों पर मिली हार की रिपोर्ट सौंपी
भोपाल। मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को 19 सीटों पर हार मिली है। इस करारी हार के बाद कांग्रेस मंथन कर रही है। इसी के तहत शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मिले। यहां उन्होंने सोनिया गांधी को 19 सीटों की रिपोर्ट दी। सोनिया ने इस दौरान कमलनाथ को संगठन में बदलाव करने के दिशा-निर्देश भी दिए हैं। कमलनाथ को 19 सीटों के विधानसभा प्रभारी और जिला अध्यक्षों की रिपोर्ट सोनिया गांधी को जल्द सौंपनी होगी।
रिपोर्ट में जानकारी देनी होगी कि आखिरकार 19 सीटों में हार के क्या कारण रहे हैं। दिवाली के बाद रिपोर्ट सौंपी जाएगी। अगर विधानसभा प्रभारी और जिलाध्यक्ष का फीडबैक संतोषजनक नहीं रहा, तो जिलाध्यक्ष और प्रभारी पर कार्रवाई होगी। कमलनाथ ने सख्त लहजे में सभी जिला अध्यक्ष और प्रभारियों को निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि चुनाव के दौरान अक्टूबर कमलनाथ द्वारा इमरती देवी पर की गई टिप्पणी से सोनिया गांधी नाराज बताई गई हैं।
कमलनाथ ने जिला अध्यक्षों और प्रभारियों से मांगी रिपोर्ट
कमलनाथ जल्द हार की समीक्षा कर सभी जिला अध्यक्षों और प्रभारियों से रिपोर्ट मांगी है। वे प्रभारी और जिलाध्यक्ष की रिपोर्ट कार्यकर्ताओं से लेंगे। सूत्रों के हवाले से कमलनाथ को जानकारी मिली है कि कई जिलाध्यक्ष और प्रभारियों ने सिंधिया और बीजेपी के समर्थन में काम किया है। पैसे के लेन-देन की भी बात सामने आ रही है। प्रत्याशियों ने भी बीजेपी के प्रत्याशी से पैसे लेकर आखिरी के तीन-चार दिनों में प्रचार नहीं किया है। रिपोर्ट लेकर कमलनाथ इन पर सख्त कार्रवाई करेंगे।
कमलनाथ ने समीक्षा बैठक में कहा- मैं यहीं रहूंगा
उपचुनाव में हुई हार की समीक्षा बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि जो लोग कहते हैं कि मैं हार के बाद मध्य प्रदेश छोड़ दूंगा, तो वे सुन लें.. हम 2023 का चुनाव पूरी ताकत से लड़ेंगे। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव नजदीक हैं, जिसमें पूरी तैयारी के साथ जनता के बीच जाएंगे।
कमलनाथ ने लगाए थे सिंधिया पर आरोप
कमलनाथ ने समीक्षा बैठक में सिंधिया पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ‘सरकार में रहते मुझ पर सिंधिया का काम करने के लिए चार रिटायर्ड अफसरों का प्रेशर रहता था। वे हमेशा वल्लभ भवन में रहते थे। उन्होंने यह भी कहा कि सिंधिया समर्थकों द्वारा सरकार गिराने के षडयंत्र की हर मूवमेंट की जानकारी थी। उन पर छापे डलवाने विधायकों का दबाव मुझ पर था, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि बदले की भावना मेरे डीएनए में नहीं है।’