BhopalMadhya Pradesh

कमलनाथ का आरोप- हार से डर गई है भाजपा, विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश कर रही

भोपाल। मध्य प्रदेश उपचुनाव के परिणाम पर पूरे देश की नजर बनी हुई है। इसी बीच कांग्रेस ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भाजपा पर एक बार फिर विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश का आरोप लगाकर राजनीति को गरम कर दिया है।
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश के मतदाताओं ने 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सच्चाई को वोट देने का काम किया है. भाजपा को महसूस हो गया है कि वह बड़ी हार का मुंह देखने वाली है, यही वजह है कि वे फिर से ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ के प्रयास में जुट चुके हैं. आगे कमलनाथ ने दावा किया कि कई निर्दलीय विधायकों के साथ संपर्क भाजपा कर रही है.


कमलनाथ के आरोप का जवाब देते हुए भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर पलटवार किया और कहा कि विधायकों से सौदेबाज़ी का कमलनाथ जी का नया आरोप उनकी हताशा का प्रतीक है. यदि उनके पास कोई प्रमाण है तो सामने लाने का काम करें. असल में कांग्रेस विधायकों का उन पर भरोसा खत्म हो गया है. दरअसल 11 नवंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उनकी प्रदेश से विदाई होनी तय है.

10 नवंबर को परिणाम : आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर पिछले मंगलवार को हुए उपचुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आने वाले हैं जिसके पहले दोनों पार्टियों यानी भाजपा और कांग्रेस के नेताओं की धडकनें तेज हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उपचुनाव के ये परिणाम न केवल प्रदेश की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के भाग्य का फैसला करेंगे, बल्कि प्रदेश के तीन क्षत्रपों यानी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतक भविष्य पर भी असर डालने का काम करेंगे.


राजनीतिक उठापटक : गौर हो कि इस साल मार्च में मध्य प्रदेश में सत्ता के लिए जो राजनीतिक उठापटक हुई थी, उसमें ये तीनों प्रभावशाली नेताओं का नाम सबसे चर्चा में रहा था. प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं जबकि वर्तमान में इसकी प्रभावी सदस्य संख्या 229 हैं क्योंकि 28 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के बाद हाल ही में एक और कांग्रेस विधायक दमोह से राहुल लोधी त्यागपत्र देकर भाजपा का दामन थाम लिया है. सदन में भाजपा के 107 विधायक हैं और भाजपा को सदन में साधारण बहुमत का आंकड़ा 115 तक पहुंचने के लिये आठ सीटों की दरकार है.

मार्च का घटनाक्रम : मार्च माह के बाद से कुल 25 कांग्रेसी विधायकों के त्यागपत्र देने और भाजपा में शामिल होने के बाद सदन में कांग्रेस की संख्या घटकर 87 रह गयी है. इसके अलावा सदन में चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा के विधायक हैं. 25 कांग्रेस के विधायकों के पाला बदलकर भाजपा में शामिल होने और तीन विधायकों के निधन के कारण प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था.