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बीजेपी में बढ़ रहा ज्योतिरादित्य सिंधिया का ग्राफ, तोमर खेमा मुश्किल में?

बीजेपी का दामन थामने वाले सिंधिया को पहले राज्यसभा में भेजा गया और उसके बाद उन्हें मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय दिया गया। अब सिंधिया को इस्पात मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, यह जिम्मेदारी उन्हें आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद मिली है। सिंधिया के सियासी तौर पर बीजेपी के भीतर बढ़ते कद को काफी अहम माना जा रहा है और इसे मध्य प्रदेश की राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

राज्य से केंद्र में बड़े नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास एक से ज्यादा मंत्रालय हुआ करते थे, अब उनके पास कृषि और किसान कल्याण विभाग ही है। वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल पहले स्वतंत्र प्रभार के मंत्री थे, अब सिर्फ राज्यमंत्री का दर्जा मिला।

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि मुंबई में हुए सत्ता बदलाव के बाद हर तरफ सवाल उठ रहे थे कि एकनाथ शिंदे ने सत्ता में बदलाव कराया तो उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया और सिंधिया को सत्ता बदलाव कराने पर ज्यादा अहमियत नहीं मिली, पार्टी ने अब सिंधिया का भी कद बढ़ाने के संकेत दिए हैं। इसे पार्टी की भावी राजनीति भी माना जा सकता है।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने तंज सिंधिया पर तंज कसा था और कहा था, बीजेपी बड़ा अन्याय करती है। एकनाथ शिंदे को बगावत करने पर मुख्यमंत्री पद देकर देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री बना दिया। मध्यप्रदेश में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री बना कर शिवराज चौहान को उपमुख्यमंत्री बना सकते थे। लेकिन नहीं किया। सरासर दोहरा मापदंड है।