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ग्वालियर में बीजेपी के लिए मुश्किल बनेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया

मध्यप्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों अपने किले और किलेदार मजबूत करने में जुटे हैं. लेकिन ग्वालियर को लेकर बीजेपी के लिए अच्छी खबर सामने नहीं आ रही है. ग्वालियर से विवेक शेजवलकर बीजेपी के स्थानीय सांसद हैं. ग्वालियर ही ज्योतिरादित्य सिंधिया का गृह शहर है. सिंधिया पिछले वर्ष तक कांग्रेस में थे तब ग्वालियर में कांग्रेस मतलब सिंधिया ही हुआ करता था. लेकिन अब स्तिथि अलग है.

दोनों नेता बीजेपी में हैं और निकाय व नगर निगम चुनावों में अपना दबदबा चाहते हैं. जिसके लिए दोनों पक्ष अपने मुताबिक प्रत्याशी उतारने की जुगत में हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया चाहते हैं कि जिस तरह से कांग्रेस में रहते हुए वो अपने मनमर्जी प्रत्याशी उतारते थे, वैसे ही बीजेपी में भी करें. लेकिन लोकसभा सांसद विवेक शेजवलकर ऐसा बिलकुल भी पसंद नहीं करेंगे.

विवेक शेजवलकर की यह नापसंदी के पीछे भी एक मजबूत वजह है. उनका मानना है कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया के मनमुताबिक टिकटों का बंटवारा होगा तो उनकी स्थानीय राजनीति को नुकसान होगा. जिसका खामियाजा उन्हें अगले विधानसभा व लोकसभा चुनावों में उठाना पड़ेगा.

वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भी कुछ इस तरह की ही परेशानी है. वो भी ग्वालियर में बीजेपी की राजनीति में अपना दबदबा बनाना चाहते हैं. इसके लिए उन्हें निचले स्तर से मजबूती चाहिए. जिसके लिए यह चुनाव उनके लिए अहम हैं. वो यह मौका अपने हाथ से खोना नहीं चाहते. वह नहीं चाहते कि यह मौका उनके हाथों से निकले और उन्हें राजनैतिक नुकसान उठाना पड़े.

अब असली मुश्किल तो बीजेपी संगठन और उसके अधिकारियों को सामने है. उसे दोनों सांसदों में से किसी एक चुनना होगा. उसे भी मालूम है कि अगर वे सांसद विवेक शेजवलकर के गुट की बात मानते हैं तो सिंधिया गुट नाराज हो जाएगा और उसका सीधा असर प्रदेश की राजनीति पर पड़ेगा. वहीं अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट की बात मानी जाती है तो स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं के गुस्से का सामना करना पड़ेगा.

(यह लेखक के निजी विचार हैं)