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ज्योतिरादित्य का राज्यसभा निर्वाचन पहुंचा कोर्ट, जा सकती है सिंधिया की सांसदी

भोपाल: ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा सांसद बने अभी एक हफ्ता ही हुआ है कि उनपर आरोप लगने शुरू हो गए. उनका सांसद बनना अब जबलपुर हाई कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गया है. कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने सिंधिया के राज्यसभा निर्वाचन को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. गोविंद सिंह ने आरोप लगाया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल करते समय एफिडेविट में कुछ तथ्य छिपाए थे. अतः उनका राज्यसभा निर्वाचन रद्द होना चाहिए.

इसी को आधार बनाकर गोविंद सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा निर्वाचन को कोर्ट में चुनौती दी है. गोविंद सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि साल 2018 में भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात को सार्वजनिक रूप से स्वीकारा भी था, अब वह कांग्रेस में नहीं हैं और भाजपा से राज्यसभा के सांसद चुने गए हैं.

गोविंद सिंह का आरोप है कि सिंधिया ने राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल करते एफिडेविट में एफआईआर वाली बात छिपाई थी. उन्होंने अपनी याचिका में इसे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के नियमों का उल्लंघन बताया है और कोर्ट से ज्योतिरादित्य सिंधिया का राज्यसभा निर्वाचन शून्य घोषित करने की मांग की है.

गोविंद सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में वही लोग जा रहे हैं, जो राजनीति को जनसेवा नहीं, व्यवसाय समझते हैं. उनका इशारा ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के उन 25 विधायकों की ओर था, जिन्होंने विधायकी से त्यागपत्र देकर भाजपा का दाम थाम लिया. सिंधिया की कांग्रेस से बगावत की वजह से मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिर गई थी.