किस प्रभाव की बात करते हैं जब अपने ही क्षेत्र से 7 सीट हारे हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों के लिए जो उप चुनाव हुआ, भाजपा ने 19 सीटों पर बढ़त बनाकर मध्यप्रदेश में जो रि -एंट्री मारी है उसे मध्य प्रदेश की जनता बहुत अच्छी तरह से जानती है लेकिन सबसे बड़ा झटका ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगा है क्योंकि जिस गढ़ को वो अपना गढ़ कहते हैं वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने ही गढ़ में अपना प्रभाव नहीं दिखा सके और 7 सीटों से हार गये.ग्वालियर की जनता से जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ की बात पूछी गयी तो जनता ने स्पष्ट तौर पर कहा की कौन सा गढ़? कैसा गढ़ ? वो समय गया जब राजा महाराजा राज करते थे और जनता उनकी सुनती थी परन्तु आज ग्वालियर की हालत देख आप खुद अंदाज़ा लगा सकते हैं की जिसे ज्योतिरादित्य सिंधिया जिसे अपना गढ़ कहते हैं उसके लिये आखिर किया क्या है.
पुरखों की गद्दारी परंपरा निभाई
देश से गद्दारी करने वाले गद्दार भी काफी फेमस हैं उसमें से अगर आप देखें तो सिंधिया परिवार का नाम सबसे ऊपर होगा क्योंकि ग्वालियर के राजा जयाजीराव सिंधिया की गद्दारी की बात करें जिन्होंने देश की वीरांगना लक्ष्मी बाई की हत्या करवा दी या फिर माधवराव सिंधिया की बात करें जिन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ नयी पार्टी बना ली थी फिर भले ही वो कांग्रेस में आ गये हों लेकिन गद्दारी जरूर की. अब बात करें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया की जिन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गये और पुरखों की परंपरा को आगे बढ़ाया. जनता कब तक सिंधिया परिवार की गद्दारी सहेगी इसलिये ग्वालियर चंबल संभाग में ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रभाव इस उपचुनाव में खाक हो गया और कई सीटों से हार गयी.
बिकाऊ पर जनता कैसे करे विश्वास
कमलनाथ सरकार गिराने में सबसे बड़ा योगदान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया जो चंद रुपयों के लिये गद्दारी करके भाजपा में शामिल हो गये. अपने साथ-साथ कई विधायकों को भी ले गये. लेकिन इस बार जनता ने ठान लिया था की बिकाऊ को सबक जरूर सिखायेंगे, इसलिए ग्वालियर चंबल संभाग में सिंधिया का न कोई प्रभाव दिखा और ना कोई रुतबा. डबरा से इमरती देवी को हार का सामना करना पड़ा और गोहद से मेवाराम जाटव को मुंह की खानी पड़ी. इसके साथ साथ
करेरा से प्रागी लाल जाटव जीते, जसवंत जाटव हारे
ग्वालियर पूर्व सतीश सिकरवार जीते, मुन्ना लाल गोयल हारे
सुमावली से अजब सिंह कुशवाहा जीते, ए.दल सिंह कंसाना हारे
दिमनी से रविंद्र सिंह तोमर जीते, गिरिराज दंडोतिया हारे
मुरैना से राकेश मावई जीते, रघुराज सिंह कंसाना हारे
जनता ने उप-चुनाव में ये दिखा दिया की ग्वालियर क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया का कोई प्रभाव नहीं है. यहाँ सबसे ऊपर जनता है.