जीतू पटवारी ने कहा ‘गुमनामी में खो गए दलबदलू नेता’, निष्ठावान कार्यकर्ताओं को चिट्ठी लिख आभार जताया…
भोपाल : चुनावों से पहले और चुनाव के दौरान भी..राजनेताओं कार्यकर्ताओं के दलबदल का सिलसिला जारी रहा। ख़ासकर कांग्रेस से बीजेपी में जाने वालों की तादाद इतनी हो गई है कि कई लोग ये तक कहने लगे कि पुराने निष्ठावान भाजपाइयों से ज़्यादा अब दूसरी पार्टियों से आए लोग हो गए हैं। लेकिन इसी बात को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने दस साल का लेखाजोखा दिया है।
जीतू पटवारी ने दल बदलने वालों पर किया कटाक्ष
उन्होंने एक्स पर लिखा है कि ‘सच्चाई सिर्फ यह है कि बीते 10 सालों में 35 कांग्रेसी विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा, लेकिन उसमें से 22 नेताओं का सियासी सफर लगभग गुमनामी में चला गया है! ज्यादातर नेता या तो चुनाव हार गए या फिर उन्हें टिकट ही नहीं मिला. इन 35 नेताओं में फिलहाल 9 ही विधायक हैं और उनमें से भी केवल 4 ही मंत्री पद तक पहुंच पाए! बीजेपी भय और लालच के दम पर विपक्ष को खत्म करना चाहती है! डरे हुए कुछ मौकापरस्त मन बदल भी रहे हैं! लेकिन, उनकी स्थिति जनता भी देख/समझ रही है! कभी मित्र, साथी, सहयोगी रहे ऐसे चेहरों के प्रति मेरी पूरी सहानुभूति है! यह दिली इच्छा भी है कि यदि वे राजनीति को जनसेवा का जरिया मानते हों, तो ईश्वर उनकी मदद करे!’
पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं का आभार जताया
इसी के साथ जीतू पटवारी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आभार भी व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि ‘गाँव देहात से लेकर बड़े शहरों के कार्यकर्ता के रूप में विचारधारा से संबद्ध अलग अलग संगठनों के पदाधिकारी के रूप में, चुनाव प्रचार में लगे जुझारू लड़ाके के रूप में या फिर बूथ बूथ पर ज़िम्मेदारी से संघर्षरत निष्ठावान प्रतिनिधि के रूप में एक एक व्यक्ति का मैं व्यक्तिगत रूप से ऋणी हूँ। मैं इसलिए भी आभारी हूँ कि तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है। ऐसे दौर और हालात में जब विधानसभा चुनाव में मिली पराजय के बाद हताशा और निराशा का माहौल था। डर, दबाव और लालच के कुचक्र में फँसे साथी, सत्ता के समक्ष समर्पण करते हुए कांग्रेस से किनारा कर रहे थे तब मुझ जैसे कार्यकर्ता को अगली पंक्ति में आने का मौक़ा मिला और सामूहिक नेतृत्व के साथ सहयोग, संवाद, सक्रियता और समन्वय से हम सब आगे बढ़े हैं’।