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जीतू पटवारी ने कहा ‘किसानों के लाड़ले नहीं है शिवराज’, किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार को घेरा…

भोपाल : कांग्रेस ने कहा है कि शिवराज सिंह चौहान ‘किसानों के लाड़ले’ नहीं हैं। जीतू पटवारी ने ये बात राज्यसभा में स्पीकर जगदीप धनखड़ की उस प्रशंसा की तारीफ पर कही है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘लाड़ली बहनों का भाई अब किसानों का लाड़ला हो गया है’। इसे लेकर अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने निशाना साधते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश में किसान लगातार परेशान हैं और जब वो अपने हक के लिए आगे आएंगे, तभी ऐसे झूठे नामकरण समाप्त होंगे। बता दें कि उपराष्ट्रपति ने कृषि मंत्री की प्रशंसा करने से दो दिन पहले ही एक कार्यक्रम में उनको खरी खरी सुनाई थी। उन्होंने इस कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान से किसानों से किए गए वादों के न पूरा होने पर सवाल उठाए और कहा कि पिछले साल भी किसान आंदोलन कर रहे थे और इस साल किसानों का आंदोलन जारी हैं, जबकि सरकार ने उन्हें बेहतर भविष्य देने का वादा किया था। इसके दो दिन बाद ही वो शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा करते नज़र आए।

क्या है मामला

एक दिन पहले राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस सांसद जयराम रमेश की बात पर स्पीकर जगदीप धनखड़ ने कहा कि ‘कृषि मंत्री शिवराज सिं मंत्री जी मेरे साथ थे। जाते समय भी आते समय भी। मैं आश्वस्त हुआ कि जिस आदमी की पहचान देश में लाड़ली बहनों के नाम पर भी, वो अब किसानों का लाड़ला है। मैं पूरी तरह आशावान हूं। ऊर्जावान मंत्री अपने नाम के अनुरूप ये करके दिखाएंगे।’ लेकिन इससे दो दिन पहले ही उपराष्ट्रपति एक कार्यक्रम में उन्हें सार्वजनिक रूप से फटकार लगा चुके थे। मंच पर शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में जगदीप धनखड़ ने कहा था कि ‘जब भारत वैश्विक मंच पर एक बड़ी ताकत बन चुका है, तब किसान क्यों अब भी इस तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं।कृषि मंत्री जी, एक एक पल भारी है। मेरा आपसे आग्रह है कि कृपया बताइए कि क्या किसान से वादा किया गया था, और वादा क्यों नहीं निभाया गया। वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं।’

जीतू पटवारी ने किया पलटवार

अब कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की इस ‘प्रशंसा’ को लेकर पलटवार किया है। जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा है कि ‘माफ करो महामहिम-महाराज! किसानों के “लाडले” नहीं हैं शिवराज! खाद की कमी, बीज का अभाव, फसल खरीदी में देरी, बिचौलियों का दखल, कृषि ऋण माफी में देरी,  फसल बीमा की दिक्कतें, उपज भंडारण में अव्यवस्था, बिजली-पानी से जुड़ी समस्या, प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप, कृषि नवाचारों में कमी की कहानी..एक नहीं, मप्र में ही ऐसी हजारों समस्याएं हैं। लगता है, किसान जब हक की हुंकार भरेंगे, शायद तभी “झूठे” नामकरण मिटेंगे।’ बता दें कि वे  बीजेपी सरकार किसानों की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस खाद की कमी, उचित दाम और मुआवजे को लेकर सरकार से सवाल कर रही है। इसी के साथ जीतू पटवारी ने केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलने के लिए भी लगातार का समय मांग रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि उन्हें मुलाकात का समय नहीं दिया जा रहा हैं।