Madhya Pradesh

Janmashtami 2020: जन्माष्टमी में बनाएं ये प्रसाद, इनका लगाया जाता है भोग

भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन घर-घर में कान्हा को विराजा जाता है। उनका श्रृंगार किया जाता है। उन्हें नए कपड़े, बांसुरी, मुकुट और मोरपंख लगाया जाता है। इस बार 11 अगस्त और 12 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस बार जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र नहीं है,अष्टमी तिथि 11 अगस्त को 9 बजे लग रही है, वहीं 12 अगस्त को 11 बजे तक रहेगी। इसके साथ ही उन्हें माखन मिश्री का भोग लगाया जाता है। दरअसल माखन मिश्री कान्हा जी को बहुत प्रिय थी, इसलिए जन्माष्टमी पर इसका भोग लगाया जाता है। दरअसल कई जगह तो कान्हा जी को 56 चीजों का भोग लगाया जाता हैस लेकिन घरों में हमें कम से कम इन चीजों को पूजा में रखना चाहिए और प्रसाद बनाना चाहिए। बालगोपाल को इन चीजों का भोग जरूर लगाया जाता है:

माखन मिश्री: कान्हा जी को माखन मिश्री बहुत ही पसंद था, बाल रूप में वे चुराकर इन चीजों को खाते थे।
पंचामृत: पंचामृत कान्हा जी की पूजा में रखना बहुत जरूरी है। दरअसल इसके बिना पूजा अधूरी होती है।

खीरा: कृष्ण की पूजा में खीरा रखना भी बहुत जरूरी होता है।
गोला-मखाना पाक: जन्माष्टमी में अधिकतर घरों में मखाना पाक बनता है, इसमें खूब सारे मेवे डालकर चीनी की चाश्नी में जमाया जाता है।
पंजीरी
जन्माष्टमी पर पंजीरी और चरणामृत बहुत ही आवश्यक होते हैं। आटे को भूनकर उसमें मिठा मिलाकर पंजीरी बनाई जाती है। यह उनका प्रमुख प्रसाद होता है।