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जेएएच अस्पताल का किया निरीक्षण, चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने चिकित्सकों को दिए निर्देश

ग्वालियर: प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री श्री विश्वास सारंग ने शनिवार को गजराराजा मेडीकल कॉलेज में चिकित्सकों से चर्चा की और उसके पश्चात अस्पताल का निरीक्षण किया. मंत्री श्री सारंग ने कहा है कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें आमजनों को उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. चिकित्सक अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करें. अस्पताल में आने वाले मरीज को बेहतर उपचार मिले, यह हमारी पहली प्राथमिकता है.

गजराराजा मेडीकल कॉलेज के सभागार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में मेडीकल कॉलेज द्वारा किए जा रहे कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई. बैठक में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना, डीन मेडीकल कॉलेज डॉ. एस एन अयंगर, अधीक्षक जेएएच डॉ. आर एस धाकड़, पूर्व अधीक्षक डॉ. अशोक मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष ग्वालियर विकास प्राधिकरण श्री अभय चौधरी सहित मेडीकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा है कि सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में खाली पड़े पदों को शीघ्र भरने की कार्रवाई की जायेगी. इसके साथ ही न्यूरोसर्जरी विभाग में भी जो पद खाली हैं उनको भरने की कार्रवाई की जायेगी. मंत्री श्री सारंग ने कहा कि मेडीकल कॉलेज एवं अस्पताल में स्वच्छता एवं सुरक्षा के लिये नियुक्त एजेन्सी अच्छे से कार्य न करे तो एजेन्सी के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. अस्पताल परिसर में सुरक्षा एवं सफाई से कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए.

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि ग्वालियर में कार्डियोलॉजी विभाग में बाइपास सर्जरी की सुविधा भी शीघ्र उपलब्ध कराई जायेगी. इसके लिये कार्डियोलॉजी सर्जन की नियुक्ति भी शीघ्र होगी. उन्होंने एक हजार बिस्तर के निर्माण की प्रगति की भी समीक्षा की. मंत्री श्री सारंग ने बैठक में बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा शीघ्र ही एक मंथन कार्यक्रम का आयोजन भी भोपाल में किया जायेगा. इस कार्यक्रम में चिकित्सा से जुड़े चिकित्सक एवं स्टाफ के साथ बैठकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में विचार-विमर्श कर नीतिगत निर्णय लिए जायेंगे.

ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि ग्वालियर का मेडीकल कॉलेज एवं गजराराजा चिकित्सालय बहुत ही पुराना और प्रतिष्ठित कॉलेज है. ग्वालियर के अस्पताल में न केवल ग्वालियर-चंबल अंचल के मरीज उपचार हेतु आते हैं बल्कि उत्तरप्रदेश और राजस्थान के भी अनेक मरीज ग्वालियर में उपचार हेतु आते हैं. ग्वालियर में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर करने की दिशा में जो भी आवश्यकता है उसकी पूर्ति शीघ्र की जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ट्रॉमा सेंटर की क्षमता बढ़ाने का कार्य भी हमें प्राथमिकता से करना चाहिए. इसी प्रकार बायपास सर्जरी की सुविधा भी ग्वालियर वासियों को मिले, यह भी जरूरी है.

बैठक में संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने बताया कि ग्वालियर संभाग के सभी अस्पतालों में जन सहयोग से व्यवस्थाओ को ठीक करने हेतु अस्पताल नं. 1 अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में स्वयंसेवी संस्थाओं को जोड़कर सप्ताह में एक दिन जन सहयोग से अस्पताल में कार्य किया जा रहा है. इस अभियान के सार्थक परिणाम सामने आए हैं. अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं ने आगे बढ़कर अस्पताल में जन सहयोग से कार्य किया है. यह अभियान संभाग के सभी जिलों में चलाया जा रहा है.

डीन मेडीकल कॉलेज डॉ. एस एन अयंगर एवं अधीक्षक डॉ. आर एस धाकड़ ने ग्वालियर में मेडीकल कॉलेज एवं अस्पताल में किए जा रहे नए-नए कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल एवं एक हजार बिस्तर के अस्पताल के निर्माण के साथ-साथ अन्य प्रोजेक्टों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अस्पताल में फरवरी माह में ही 73 हजार ओपीडी को अटेण्ड किया गया है.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने किया अस्पताल का निरीक्षण और दिए निर्देश.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने गजराराजा चिकित्सालय के कार्डियोलॉजी यूनिट, सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल एवं ट्रॉमा सेंटर का निरीक्षण किया. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अस्पताल में आने वाले मरीज को त्वरित उपचार मिले, यह सुनिश्चित किया जाए. कार्डियोलॉजी विभाग में मरीजों को बिना बिस्तर के पाए जाने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और वार्ड के खुले स्थान पर तत्काल पलंग लगाने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि जब तक वार्ड की व्यवस्था नहीं है तब तक खुले स्थल पर ही वार्ड जैसी व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाएँ.

मंत्री श्री सारंग ने निरीक्षण के दौरान मरीजों से भी चर्चा की। मरीजों से चर्चा के दौरान उन्होंने जब मरीज के पास डॉक्टर द्वारा लिखित पर्ची देखी तो उस पर डॉक्टर का नाम एवं सील न पाए जाने पर उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जब भी मरीज को दवा लिखकर दी जाए तो उस पर चिकित्सक का नाम एवं उसकी सील अवश्य होना चाहिए. अस्पताल में साफ-सफाई व्यवस्था पर भी उन्होंने और गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सारंग ने चिकित्सकों को यह भी निर्देशित किया है कि अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों को तत्काल स्ट्रेचर एवं व्हील चेयर उपलब्ध होना चाहिए. इसके लिये मैदानी स्तर के अमले को तैनात किया जाए. कोई भी मरीज बिना स्ट्रेचर या व्हील चेयर के वार्ड में न पहुँचे यह सुनिश्चित किया जाए.