जबलपुर : गेहूं खरीदी में वेयर हाउस संचालक ने अधिकारियों संग किया भ्रष्टाचार, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश…
जबलपुर : मध्य प्रदेश के जबलपुर में गेहूं खरीदी के दौरान राघव वेयरहाउस में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है, जहां वेयरहाउस संचालक और अधिकारियों ने मिलकर घुन लगे और सड़ा हुआ गेहूं का स्टॉक दिया। जिसकी शिकायत मिलते ही कलेक्टर ने तहसीलदार रविंद्र पटेल को जांच के आदेश दिए। वहींं, जांच पड़ताल में स्टॉक नंबर 11 में करीब 100 से अधिक गेहूं की बोरी सड़ी हुई मिली। इसके बाद कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर जिला विपणन अधिकारी ने संचालक सहित पांच अन्य कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
उपार्जन नीति का नहीं किया गया पालन
बता दें कि जिला विपणन अधिकारी की शिकायत पर चरगंवा थाना पुलिस ने समिति प्रबंधक राजेश नंदेशरिया, खरीदी केंद्र प्रभारी भूपेन्द्र सिंह पटेल, अभिषेक दीक्षित वेयर हाउस संचालक, ऑपरेटर श्रजल जैन, सर्वेयर प्रवीण रजक और शुभम शर्मा पर धारा 420, 409, 34 के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। दरअसल, अभी तक की जांच में पाया गया है कि सभी ने एक राय होकर उपार्जन नीति का पालन नहीं किया और धोखाधड़ी करते हुए अमानक तरीके से गेहूं का उपार्जन किया, जिससे सरकार को आर्थिक क्षति हुई है।वहीं, गेहूं घोटाले की आंच अब जिले के हर वेयरहाउस तक पहुंच गई है।
7 सदस्यीय टीम गठित
मामले को लेकर कलेक्टर ने सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वेयरहाउस की जांच कर जल्द-से जल्द-रिपोर्ट पेश की जाए। इसके लिए 7 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जिसमें तहसीलदार रवीन्द्र पटेल, उप संचालक कृषि विभाग रवि कुमार आमवंशी, सहायक आपूर्ति अधिकारी संजय खरे, प्रभारी उपायुक्त सहकारिता विभाग हेमलता डोगर, जिला विपणन अधिकारी अर्पित तिवारी, जिला प्रबंधक MPWLC एसआर निमोदा और जिला प्रबंधक MPSCSC दिलीप किरार शामिल हैं। अभी तक की जांच में वेयरहाउस में रखे गए गेहूं में घुन लगना पाया गया है। वहीं, कलेक्टर का कहना है कि गेहूं घोटाले में किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा।