जबलपुर : हाईकोर्ट ने सिविल जज भर्ती परीक्षा नियमों को चुनौती देने वाली सभी याचिका खारिज की, जानें क्या है जजमेंट…
भोपाल : सिविल जज भर्ती परीक्षा नियमों को चुनौती देने वाली 15 याचिकाओं पर सुरक्षित रहें फैसले को हाईकोर्ट ने सार्वजनिक करते हुए खारिज कर दिया हैं। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने इस मामले पर अपना 170 पेज का फैसला भी सार्वजनिक कर दिया। कुछ अभ्यर्थियों द्वारा सिविल जज भर्ती परीक्षा नियमों को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर हाईकोर्ट ने 20 फरवरी 2024 और 1 अप्रैल 2024 को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसे आज सार्वजनिक रूप से जारी कर दिया है।
क्या है जजमेंट
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि न्यायहित और जनहित में संशोधित नियम पूरी तरह उचित है। लिहाज़ा ये याचिकाएं खारिज की जाति है, इसके साथ ही परीक्षा के नियमों में किसी भी तरह के कोई बदलाव से भी इंकार कर दिया गया। कई याचीकाओं के माध्यम से सिविल जज भर्ती नियमों की वैधानिकता को चुनौती दी गई थी।
संशोधित नियम के तहत एलएलबी परीक्षा में बिना एटीकेटी के 70 प्रतिशत अंकों के साथ पास करना अथवा तीन साल की वकालत के अनुभव के साथ सिविल जज परीक्षा के लिए पात्रता निर्धारित की गई है साथ ही साक्षात्कार में 40% अंकों की अनिवार्यता सहित अन्य प्रावधान किए गए थे जिसे लेकर कई अभ्यार्थियों ने होई कोर्ट में चुनौती दी थी।