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लापरवाही : मोर्चरी में शवों की अदला- बदली, हिन्दू परिवार ने किया मुस्लिम शव का अंतिम संस्कार

ग्वालियर। कोरोना महामारी के दौरान मध्य प्रदेश के ग्वालियर के सबसे बड़े जयारोग्य हॉस्पिटल में गंभीर लापरवाही सामने आई है। अस्पताल के मोर्चरी में रखे दो शवों की अदला बदली होने से हिंदू परिवार ने अंतिम संस्कार कर दिया। यह शव हिंदू परिवार को डॉक्टर की मौजूदगी में दिया गया था। अंतिम संस्कार के बाद पता चला कि यह शव मुस्लिम का था। गंभीर लापरवाही के बाद कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं।

मुरैना निवासी इरतज़ा खान को जहरीले कीड़े ने काट लिया था। 11 अगस्त को इरतज़ा को मुरैना से ग्वालियर लाया गया और जयारोग्य अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। दो दिन इलाज़ चलने के बाद 13 अगस्त को इरतज़ा की मौत हो गई। इलाज़ के दौरान डॉक्टर ने इरतज़ा का कोरोना टेस्ट कराया था, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी थी। लिहाजा डॉक्टरों ने शव ये कहकर देने से मना कर दिया कि कोरोना रिपोर्ट अभी नहीं आई है। रिपोर्ट आने तक शव मुर्दा घर में रखा जायेगा।
15 अगस्त की रात इरतज़ा की रिपोर्ट नेगेटिव आई, तो डॉक्टर ने परिजनों को इरतज़ा का शव ले जाने के लिए पेपर दे दिए। जब परिजन डॉक्टर का पर्चा लेकर शव लेने मुर्दा घर पहुंचे तो वहां इरतज़ा की लाश नहीं थी। ऐसे में परेशान परिजनों ने पुलिस को फोन किया।

इसी अस्पातल में सुरेश बाथम की भी मौत हुई थी

जांच में पता चला कि इसी अस्पातल में सुरेश बाथम की भी मौत हुई थी। सुरेश की भी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। तब उसके परिजन 15 अगस्त की शाम को ही सुरेश के शव को लेकर चले गए थे। घर पहुंचते ही परिजनों ने आनन- फानन में सुरेश का शव देखे बिना ही अंतिम संस्कार कर दिया। पूछताछ हुई तो साफ हो गया कि सुरेश के परिजनों ने जिसका अंतिम संस्कार किया वो इरतज़ा मोहम्मद का शव था. जबकि सुरेश बाथम का शव मुर्दा घर में ही रखा था।

इरतज़ा के परिजनों ने कार्रवाई की मांग की

इरतज़ा मोहम्मद के परिजनों को शव बदलने की घटना पता चली तो जयारोग्य अस्पताल में हंगामा खड़ा हो गया। मृतक इरतज़ा के भतीजे अकरम खान का कहना है कि लापरवाह डॉक्टर, गार्ड, सहित सुरेश बाथम के परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। खबर लगते ही कम्पू पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची.र वकम्पू पुलिस का कहना है कि जांच में जिसकी भी लापरवाही सामने आयेगी उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जायेगा। वहीं, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं