ग्वालियर में पिछले 7 दिन में 30 लोगों की कोरोना से मौत, 1052 संक्रमण के मामले सामेन आए
ग्वालियर। शहर में पिछले सात दिनों में कोरोना संक्रमण के केस तो कम मिले हैं, लेकिन संक्रमण के चलते मरने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। गुजरे सात दिन में संक्रमण के कुल 1052 मामले सामने आए हैं, लेकिन इस दौरान 30 लोगों की मौत भी हुई। जबकि इससे पहले के सात दिनों में 1611 पॉजिटिव केस मिले थे, लेकिन 27 लोगों की मृत्यु हुई थी। बढ़ती हुई मौतों का अहम कारण मरीजों का जांच और इलाज में लापरवाही बरतना माना जा रहा है।
बीते सात दिनों में जिन लोगों की मौत हुई, उसमें कई मरीज ऐसे रहे, जिन्हें सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती करने के दौरान ही सांस लेने में काफी परेशानी आ रही थी। जिस समय उन्होंने टेस्ट कराया, उस समय उनका ऑक्सकीजन का लेवल (मानक-95 या उससे ज्यादा) 85 से कम था।
पहले से बीमारी है ताे पाॅजिटिव रिपाेर्ट आने के बाद घर में रहना ठीक नहीं
मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विजय गर्ग के अनुसार इस माह जितने मरीजों की मौतें हुईं, उसमें कुछ ऐसे भी थे, जिन्हें अस्पताल में कुछ घंटे पहले भर्ती कराया गया था। यदि आपको शुगर, बीपी, हृदय व अन्य प्रकार के रोग हैं, तो संक्रमण के लक्षण दिखते ही तुरंत जांच कराएं। यदि आपको पूर्व से कोई बीमारी है तो रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद घर पर रहने की रिस्क ना लें, क्योंकि ऐसे मरीजों की हालत बहुत तेजी से बिगड़ती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण दवाईयों का भी उतना असर नहीं होता।
भर्ती होने के कुछ घंटे बाद मरीज की मौत
परिवहन मंत्री के स्टाफ में पदस्थ एनपी खर्चे का है। जब एंटीजन टेस्ट किया गया, तब उनका ऑक्सीजन लेवल 85 से कम था। टेस्ट पॉजिटिव आते ही उन्हें सुपरस्पेशलिटी हास्पिटल में भर्ती किया गया, लेकिन भर्ती होने के बाद चंद घंटे बाद ही डाॅक्टरों ने उनके परिजनों को मौत की सूचना दी।
ग्वालियर निवासी मोहन ओझा का है। संक्रमण के लक्षण होने के बाद जांच में उनकी रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई। गत 25 सितंबर काे उन्हें सुपरस्पेशलिटी हास्पिटल में भर्ती किया गया और अगले ही दिन यानी 26 सितंबर को उनकी मौत हो गई। इस तरह वह भर्ती होने के महज 24 घंटे में जान गंवा बैठे।