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मैं ससुराल नहीं जाऊंगी: शादी भले तुमसे कर ली है लेकिन रहूंगी मैं अपने माता पिता के साथ ही

ग्वालियर: हाई कोर्ट की एकल पीठ ने उस बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पति ने अपनी पत्नी को उसके पिता पर बंधक बनाने का आरोप लगाया था. युवती ने कोर्ट में कहा कि मैं बालिग हूं. उसने विवाह भी किया है, लेकिन वह अपने पति की बजाय माता-पिता के साथ रहना चाहती है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने लड़की पर दबाव का आरोप लगाया तो कोर्ट ने स्वजनों को बाहर भेज दिया. उसके बाद बात की तो उसने माता पिता के साथ रहने की सहमति दी. सागर कटारे ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की. उसकी ओर से तर्क दिया गया कि उसकी पत्नी को उसके पिता ने बंधक बना लिया है. वे उसे आने नहीं दे रहे हैं. हाई कोर्ट के नोटिस पर पड़ाव थाना पुलिस ने युवती को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से कोर्ट के समक्ष पेश किया. युवती ने सागर कटारे से विवाह की बात स्वीकार की, लेकिन उसके साथ जाने से इनकार कर दिया. वहीं दूसरी ओर एक अन्य याचिका में साढू पर ही बच्ची को बंधक बनाने का आरोप लगाया गया. याचिका में कहा गया कि उसके साड़ू ने बेटी को बंधक बना लिया है. वह उसे आने नहीं दे रहा है. इस मामले में कोर्ट ने बहोड़ापुर थाने को नोटिस जारी कर दिया है. न्यायालय में अन्य याचिकाओं की भी सुनवाई की गई. हालांकि उनमें अन्य उल्लेखनीय नहीं रही.