News

मैं बालकनी से कूदने वाला था कि सुहाना ने आकर मुझे बचा लिया : शाहरुख खान

बॉलीवुड के ‘बादशाह’ यानी शाहरुख खान का कहना है कि उन्होंने कभी भी कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) के खिलाड़ियों को ‘चक दे’ जैसा संदेश नहीं दिया. शाहरुख दरअसल, बॉलीवुड फिल्म ‘चक दे! इंडिया’ अंडरडॉग साबित हुई भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच कबीर खान की अपनी भूमिका का जिक्र कर रहे थे. फिल्म में कबीर खान के मार्गदर्शन में भारतीय महिला हॉकी टीम वर्ल्ड कप जीतने में सफल रहती है.

फिल्म में फाइनल मैच से पहले कबीर खान का टीम के खिलाड़ियों को दिया ‘70 मिनट’ वाला संदेश एक मिसाल बन गया था. हालांकि, सह-मालिक के तौर पर उन्होंने अपनी आईपीएल टीम को कभी ऐसा संदेश नहीं दिया, बल्कि इस मामले में शाहरुख बहुत ही अलग भूमिका निभाते हैं.

शाहरुख ने उन क्षणों की याद ताजा की, जब 2012 में उनकी टीम कोलकाता नाइटराइडर्स पहली बार आईपीएल चैंपियन बनी थी. शाहरुख ने कहा, ‘मैं बस वहां लटका हुआ था, मेरी दोनों बाहें मेरी बालकनी पर झूल रही थीं. शायद यही वजह थी कि जब हम जीते, तो यह एक विश्वास का एक संकेत था, क्योंकि उस समय तक बहुत से लोग मुझे टीम बेचने की सलाह दे चुके थे, जो मैं कभी नहीं करूंगा. हम विश्वास और आत्मविश्वास के कारण जीते.’

शाहरुख ने बताया, ‘दरअसल, हमने जो पहला मैच जीता था, मैं अपनी बालकनी से कूदने जा रहा था, लेकिन मुझे लगता है कि मेरे बच्चे, मुझे लगता है कि वह मेरी बेटी (सुहाना) थी, जिसने मुझे पकड़ लिया था. मैं उस रात फ्लाइट पकड़ सकता था, लेकिन मैं घर पर ही रुका.’

शाहरुख ने बताया, ‘मैं जीवन भर एक एक बहुत ही छोटे स्तर का खिलाड़ी रहा हूं, इसलिए मैंने कभी उन्हें कुछ ‘चक दे’ जैसा ‘सबक’ नहीं दिया! मैंने ऐसा कभी नहीं किया है.’ स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड से शाहरुख ने खुलकर बातचीत की. केकेआर के पूर्व कप्तान और भाजपा सांसद गौतम गंभीर भी एपिसोड का हिस्सा थे.