अहम आदेश : कोरोना मरीज़ों से प्राइवेट अस्पताल की मनमानी वसूली पर हाईकोर्ट ने लगाई लगाम
जबलपुर। मध्य प्रदेश में निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज़ों से इलाज की मनमानी वसूली पर हाईकोर्ट के आदेश ने रोक लगा दी है। जबलपुर हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि प्राइवेट अस्पताल कोरोना काल के पहले से तय इलाज की दर से सिर्फ़ 40 प्रतिशत अधिक दाम ले सकते हैं। कोर्ट ने इस संबंध में प्रदेश सरकार से दिशा निर्देश जारी करने के लिए कहा है।
जबलपुर हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों से इलाज के नाम पर मनमानी वसूली पर संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि मध्यप्रदेश का कोई भी निजी अस्पताल, कोरोना शुरू होने से पहले तय इलाज की निर्धारित दरों से 40 फीसदी से ज्यादा नहीं वसूल सकता। हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को इसके लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी करने का आदेश दिया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि सभी निजी अस्पतालों को कोरोना के इलाज की रेट लिस्ट सार्वजनिक करनी होगी और राज्य सरकार को इसका प्रचार करना होगा।
राहत भरा आदेश
हाईकोर्ट ने साफ किया है कि अगर कोई भी निजी अस्पताल कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तय दर से ज्यादा पैसा वसूल करते हैं तो उन पर कार्रवाई भी की जाएगी। मध्यप्रदेश और खासकर जबलपुर में जब कोरोना मरीजों से इलाज के नाम पर रोजाना 25 से 30 हजार रुपए वसूल किए जा रहे हैं तो ऐसे में हाईकोर्ट का ये आदेश राहत भरा माना जा रहा है।
हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था
निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज़ों से इलाज के नाम पर मनमाना पैसा वसूला जा रहा था। हाईकोर्ट ने ये आदेश उस स्वतः संज्ञान याचिका पर दिया है जिसमें शाजापुर के एक निजी अस्पताल में बिल ना चुका पाने पर एक बुजुर्ग मरीज को पलंग से बांधकर बन्धक बना लिया गया था। मामले में अमीकस क्यूरी यानि अदालत मित्र नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने कोरोना मरीजों से मनमानी वसूली का मुद्दा उठाया था। हाईकोर्ट ने इंदौर जिला प्रशासन द्वारा तय किए गए 40 प्रतिशत फार्मूले को उचित मानकर इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की व्यवस्था दी है।