इन 5 वजहों से क्रिकेट बन चूका है बल्लेबाज़ों का खेल
हर दशक क्रिकेट में क्रांति आती ही है, कभी खेल के नियम में बदलवा तो कुछ खेल का नया पैटर्न। ये खेल दुनियाँ के हर देश में अपनी पहुँच तो नहीं बना सका लेकिन जिस देश ने भी अपनाया है वह के लोग इस खेल के दीवाने है। देश जैसे भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, पाकिस्तान, इंग्लैंड, कैरिबियन और अफ्रीका में भी काफ़ी लोग क्रिकेट के दीवाने है। इस खेल को इतना बड़ा नाम देने में बड़े खिलाड़ी का नाम है जैसे डॉन ब्रैडमेन ऑस्ट्रेलिया के, सचिन भारत के, शेन वार्न स्पिन के महानायक और पाकिस्तान के वसीम अकरम और भी कई बड़े खिलाडी जिसने क्रिकेट में बड़ा मुकाम हासिल किया।
समय के साथ बदलता चला गया क्रिकेट-
ये खेल बल्लेबाज का जितना है उतना ही एक गेंदबाज तथा फील्डर का भी लेकिन समय के साथ इस खेल के नियम ने गेंदबाज को अधिक निराश किया और बल्लेबाज के लिया और आसानी। जाने कुछ कारण जिसके वज़ह से ये बड़ा बदलवा क्रिकेट में हुआ।
मैच की रफ़्तार आई तेजी
टी 20 आने के बाद क्रिकेट में बड़ा बदलवा आया है अधिक फैंस मैदान और घर में बैठ के मैच देखते है, कम समय में मैच ख़तम, ज़्यादा रन, ज़्यादा चौके छक्के और पूरा मनोरंजन। ये खेल में लोग विकेट गिरता देख खुश काम होते है और बॉलर को चौके, छक्के पड़े इसका ज़्यादा इंतज़ार रहता है। टी 20 खेल में बल्लेबाज का अधिक प्रभाव है।
गेंदबाजों को हुआ नुक्सान
पहले टेस्ट मैच में लोग बल्लेबाज को मैदान में संघर्ष करते देखते थे मुरलीधरन, वार्न, मैग्राथ, ब्रेट ली, कुंबले जैसे गेंदबाज रन नहीं जाने देते थे और एक अच्छा प्रतियोगिता देखने को मिलता था। लेकिन टी 20 के वर्चस्व से टेस्ट मैच और गेंदबाज दोनों की कही ना कही नुक़सान हुआ है।
बल्लेबाज हैं ज्यादा चर्चित
बल्लेबाज का सोशल मीडिया और मीडिया में अधिक नाम, आईपीएल हो या वन डे मैच बल्लेबाज के नाम पर ज़्यादा चर्चा होती है ख़ास कर भारत में बल्लेबाज को ज़्यादा आकर्षण मिलता रहा है जो कही न कही अगर भारत की कमजोर गेंदबाजी का कारण रहा है।
टेस्ट मैच में और अलग शृंखला में संतुलन बनाने की है जरुरत
टेस्ट मैच में और अलग शृंखला में ज़रूरत है संतुलन बनाने की, अगर इसी रूप में ये खेल आगे चला तो बल्लेबाजी के तरफ़ जयदा यूथ आगे जाएंगे जिसके कारण संतुलन में परेशानी आएगी, भारत में हमेशा से लोग अधिक बैटिंग में रूचि रखते रहे जिसके कारन अनुक्रम बरक़रार नहीं हो सका।
बल्लेबाजों के साथ गेंदबाजों का भी जिक्र जरुरी
जमीनीस्तर से इसको ठीक करने की ज़रूरत है, हर देश में टेस्ट मैच की महानता के साथ-साथ इतिहास के नामी गेंदबाज का उपलब्धि को ज़िक्र करना ज़रूरी है इन्हीं कारणों के वज़ह से इस खूबसूरत खेल का भविष्य सुनेहरा होगा और युवा जितना बैट्समेन की बात करते है उतना ही बॉलर की भी चर्चा होगी।