गरीब और बदतर हालात में जीने की मजबूरी
गरीब और बदतर हालात में जीने की मजबबूरी भाण्डेर विधानसभा के देवीलाल के पास आवास नहीं है। शौचालय का आवेदन किया था लेकिन उसका कोई अता पता नहीं है। घर गिरता जा रहा है लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं हे।
गरीब और बदतर हालात में जीने की मजबबूरी भाण्डेर विधानसभा के देवीलाल के पास आवास नहीं है। शौचालय का आवेदन किया था लेकिन उसका कोई अता पता नहीं है। घर गिरता जा रहा है लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं हे।