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इच्छामृत्यु के लिए स्वास्थ्यकर्मियों ने अपने खून से सीएम को पत्र लिखा

इंदौर। संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने नियमितीकरण सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर पोस्ट कार्ड अभियान चलाया। सभी स्वास्थ्यकर्मियों ने अपने खून से पोस्टकार्ड पर अपनी मांगों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा और नहीं मानने पर इच्छामृत्यु की मांग की। उनका कहना है कि नियमित करने, 90 फीसदी वेतन देने का हमारा आवेदन सरकार ने आज तक स्वीकर नहीं किया। ऐसे में हमें इच्छामृत्यु का हमारा आवेदन ही सरकार स्वीकार कर ले। हमें संविदा से मुक्ति मिल जाएगी। सरकार और कुछ तो दे नहीं पाई, संविदा कर्मियों को इच्छामृत्यु ही दे दे।


जिला अध्यक्ष नीतू केल्दे ने सोमवार को कहा कि नियमितीकरण को लेकर 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासनिक विभाग ने एक पॉलिसी बनाई थी। जिसे एक दर्जन से ज्यादा विभागों में लागू कर दिया गया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग में इसे अब तक लागू नहीं किया गया। कोरोना में ड्यूटी करते हुए 6 संविदाकर्मियों की मौत हो चुकी है। अब तक सरकार द्वारा शहीद काेराेना योद्धा के परिवार को 50 साल रुपए और नौकरी नहीं दी है।


इसके अलावा मुख्यमंत्री कोविड-19 से संविदाकर्मी वंचित हैं। हमें 10 हजार रुपए के अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का वादा किया गया था। वह भी नहीं मिला है। हम बिना बीमा, अनुकंपा, सामाजिक सुरक्षा, महंगाई-दैनिक भत्ता के अलावा नियमति स्वास्थ्यकर्मियों की तुलना में आधे वेतन मे काम कर रहे हैं। सरकार अपने ही द्वारा लागू नियमों का पालन नहीं कर रही है।

केल्दे ने बताया कि प्रदर्शन में 19 हजार संविदा कर्मचारी शामिल हैं। जिसमें संविदा डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, एएनएम, प्रबंधन इकाई, ऑपरेटर, आयुष, एड्स, टीवी परियोजना के सभी कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल हैं। सभी ने बैनर पोस्टर के साथ पोस्ट कार्ड अभियान चलाकर प्रदर्शन किया।