कोरोना के बीच राज्य में चरमरा सकती है स्वास्थ्य व्यवस्था
कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे मध्य प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि 4 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर प्रदेश भर के हजारों जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं. जिसके लिए वो सरकार को चेतावनी दे चुके हैं.
आज जूनियर डॉक्टर्स ने प्रदेश भर के तमाम मेडिकल कॉलेजों के सामने सांकेतिक प्रदर्शन किया. उन्होंने ऐलान किया अगर आज रात तक प्रदेश सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो कल यानि मंगलवार 6 अप्रैल से वो हड़ताल पर चले जाएंगे. लेकिन हड़ताल के दौरान वो सभी रोगों से संबंधित विभागों की समानांतर ओपीडी चलाएंगे.
यह है मांगे
जूनियर डॉक्टर्स मांग कर रहे हैं कि उनके स्टायपेंड में 2018 से 6 प्रतिशत के मद से आज तक कुल 18 प्रतिशत बढ़ोतरी की जाए. वहीं पिछले साल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जूनियर डॉक्टर्स को 10 हजार की प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया था, वो पूरा किया जाए.
इसके साथ ही जूनियर डॉक्टर्स के लिए अभी ग्रामीण इलाकों में सेवा देना ज़रूरी है. जूनियर डॉक्टर्स का कहना है ये नियम खत्म किया जाए. वहीं प्रदेश के तमाम मेडिकल कॉलेजों में कोरोना के गंभीर मरीज़ों को ही दाखिला देने और अतिरिक्त चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं.
*जबलपुर में प्रदर्शन *
इस सिलसिले में आज जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के तमाम रेजीडेंट डॉक्टरों ने डीन कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. सभी ने स्पष्ट तौर पर ऐलान कर दिया है कि अगर आज रात तक प्रदेश सरकार ने उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया तो कल से वो हड़ताल पर जाने पर मजबूर होंगे. वो उस दौरान अस्पताल में नहीं जाएंगे लेकिन मरीजों की परेशानी को देखते हुए अस्पताल के बाहर समानांतर ओपीडी चलाएंगे. लेकिन जल्द ही इमरजेंसी सेवाओं सहित अन्य सेवाओं को बाधित करने पर मजबूर होंगे. अगर जूडा हड़ताल पर जाता है तो कोरोना संक्रमण के इस भयावह दौर में सरकारी अस्पतालों में संकट खड़ा हो सकता है.