इंदौर के श्री युगपुरुष धाम आश्रम में कई बच्चों की तबीयत बिगड़ी, दो की हुई मौत, कलेक्टर का कहना डिहाइड्रेशन की हो सकती है समस्या…
भोपाल : इंदौर के मल्हारगंज स्थित श्री युगपुरुष धाम आश्रम में रह रहे बच्चों की तबीयत बिगड़ने की घटना से शहर में हड़कंप मच गया है। दरअसल इस घटना में दो बच्चों की मौत हो गई है और अन्य 12 बच्चों को चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं इनमें से दो बच्चों की हालत गंभीर है। जबकि एमवायएच अधीक्षक डॉ. अशोक यादव के अनुसार, सभी बच्चों में डिहाइड्रेशन के लक्षण पाए गए हैं।
क्या है पूरी घटना?
दरअसल मंगलवार सुबह बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने अस्पताल का दौरा किया और भर्ती बच्चों की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि आश्रम में दो बच्चों की मौत हो चुकी है। रविवार को मरने वाला बच्चा मिर्गी से पीड़ित था, जबकि सोमवार रात को मरने वाला बच्चा फूड पॉइजनिंग का शिकार हो सकता है।
आश्रम ने जताई खून में संक्रमण की आशंका:
वहीं इस घटना को लेकर आश्रम ने बाल कल्याण समिति को भेजे पत्र में खून में संक्रमण की आशंका जताई है। हालांकि सभी बच्चों की स्थिति का जायजा लेने के लिए डॉक्टरों की टीम ने आश्रम में जांच की है। इसके अलावा, पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है।
मृत बच्चों का विवरण:
वहीं मल्हारगंज पुलिस के अनुसार, 12 साल के करण की सोमवार को तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। जबकि मंगलवार सुबह 7 साल के आकाश की भी मौत हो गई। वहीं इसके बाद यह घटना पूरे शहर में चिंता का विषय बन गई है और प्रशासन भी इस मामले की तह तक जाने के लिए तत्पर हो गया।
आश्रम में बच्चों की स्थिति:
दरअसल श्री युगपुरुष धाम आश्रम में वर्तमान में 217 मानसिक दिव्यांग बच्चे (101 लड़के और 116 लड़कियां) रह रहे हैं। आश्रम में आने वाले बच्चों को विभिन्न जिलों से लाया जाता है और चाइल्ड लाइन या अन्य माध्यमों से सौंपा जाता है। सरकारी रिकॉर्ड में सभी बच्चों के साथ मां के रूप में डॉ. अनिता शर्मा का नाम दर्ज है। पिछले 10-15 सालों में आए बच्चों में से 18 लड़कियां अब अन्य बच्चों की देखभाल कर रही हैं।
प्रशासन की कार्रवाई:
हालांकि कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि आश्रम में बच्चों की स्थिति को लेकर प्रशासन गंभीर है। डॉक्टरों की टीम सभी बच्चों का इलाज कर रही है और यह मामला फूड पॉइजनिंग का हो सकता है। प्रशासन ने आश्रम में रह रहे सभी बच्चों की जांच के लिए टीम भेजी है ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी या संक्रमण का समय रहते पता चल सके और उसे रोका जा सके।