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ग्वालियर में स्वास्थ्य विभाग गहरी नींद में सो रहा है, पंजीकरण निरस्त होने के बाद नाम बदलकर चल रहे हैं अस्पताल

कुछ दिनों पहले आपने ग्वालियर के एक कोविड अस्पताल में संक्रमित महिला के साथ रेप की खबर पढ़ी होगी. जिसके बाद अस्पताल का पंजीकरण निरस्त हो गया था. और उसकी खबर भी आई गई हो गई. इस अस्पताल ने कई कारनामों को अंजाम दिया था.

यह अस्पताल लोटस अस्पताल था. जिसने कोविड नियमों के तहत इलाज नहीं किया, मेडिकल वेस्ट खुले में फेंका और महिला मरीज से दुष्कर्म का प्रयास किया गया. अब उसका नाम बदल गया है. नाम बदलकर इस अस्पताल को खुद स्वास्थ्य विभाग ने स्टार अस्पताल बना दिया है.

इसी के साथ प्रशासन ने कई अन्य अस्पतालों पर कार्यवाही की थी. कार्यवाही के बाद उन अस्पतालों ने नाम बदलकर फिर इलाज करना शुरू कर दिया है. छापेमारी के बाद पंजीयन निरस्त होने वाले अस्पतालों में न्यू लाइफ केयर का भी यही हाल है. यहां दोबारा जांच में पंजीयन निरस्त के बाद भी पांच नए मरीज मिले और आइपीडी चलाई जा रही थी. उधर वैष्णवी अस्पताल में मरीज को जबरिया डिस्चार्ज किया, मौत हुई, लेकिन नोटिस देकर विभाग भूल गया. हकीकत में जिन-जिन अस्पतालों पर कार्रवाई हुई, वहां नियम कायदों को परखने के लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने पलटकर नहीं देखा है.