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स्वास्थ्य विभाग नहीं दे रहा तीन महीने से भाड़ा, गाड़ी मालिकों का गुस्सा फूटा

इंदौर। कोरोनाकाल में निजी ट्रैवल्स के जरिए स्वास्थ्य विभाग में गाड़ियां अटैच करने के बाद करीब 3 महीने से भुगतान नहीं होने पर मंगलवार को गाड़ी मालिकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि तीन महीने से 12-12 घंटे गाड़ियां चला रहे हैं। भुगतान मांगने पर दो दिन-चार दिन कर रहे हैं। 2500 के हिसाब से रोज भाड़ा देने की बात कही, अब 15 देने का कह रहे हैं। गुस्साए गाड़ी मालिक और ड्राइवरों ने एमटीएच कंपाउंड पर आकर गाड़ी न चलाने का फैसला किया। उनका कहना है कि परेशान होकर हमने हड़ताल का फैसला लिया है।
हड़ताल करने वालों का कहना है कि काेराेनाकाल में 10 अप्रैल से हमने स्वास्थ्य विभाग में ट्रेवल्स के जरिए गाड़ियां अटैच की थी। उस समय हमें 2500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करने का कहा गया था। उस समय डीजल का रेट 66 रुपए था जाे अब बढ़कर 81 रुपए तक पहुंच गया है। तब से लेकर अब तक हमें एक रुपए का भी भुगतान नहीं किया गया। हमें सिर्फ उनकी ओर से डीजल ही दिया जा रहा है। जब भी भुगतान की बात करते हैं, तो यही कहते हैं कि दो दिन रुकिए, 8 दिन रुकिए। हम मांग-मांग कर थक चुके हैं। गाड़ी की किश्त, गाड़ी का मेंटेनेंस, ड्राइवर की पेमेंट कहां से दें।


उन्होंने कहा कि समस्या को लेकर हमने कलेक्टर से भी मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि चार से पांच दिन में भुगतान हो जाएगा। उस बात को लेकर 15 दिन हो चुके हैं। किसी एक का नहीं सभी का पेमेंट रुका हुआ है। पेमेंट भी लाखों में है, किसी का 8 लाख किसी का 10 लाख। ट्रेवल्स वाले से बात करो तो वह कहता है कि मेरे पास जब पेमेंट आएगा तो दूंगा। 2500 रुपए तय हुआ था, अब 1500 के हिसाब से पेमेंट देने की बात कह रहे हैं। वे कह रहे हैं कि छोटी गाड़ी का अलग से, बड़ी गाड़ी का अगल पेमेंट होगा। 12 घंटे की शिफ्ट करने के बाद भी रुपए नहीं दे रहे हैं।