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कोरोना के कहर से टेस्ट मैच की तरह वर-वधु के परिवारों ने स्लाट में बांटा मेहमानों को

ग्वालियर: कोरोना काल ने पुरातन परंपरा को एक बार फिर से जिंदा कर दिया है. कोरोना से पहले तक वर और वधु के घर शादी वाले दिन ही मेहमान पहुंचा करते थे. इस वजह से लड़की या लड़के वालों का एक ही दिन की तैयारी पर फोकस रहता था. शादी से पहले होने वाले तीन दिन के फंक्शन परिवार के सदस्य ही मिलकर पूरा कर लिए करते थे, मगर अब उन्हें इन फंक्शन के साथ मेहमानों का स्वागत करना पड़ रहा है. यह सब प्रशासन की तरफ से तय हुई गाइडलाइन के कारण हो रहा है. लड़के व लड़की वालों को डर है, कहीं उनके मेहमान बुरा न मान जाएं, इसलिए वे उन्हें अलग-अलग दिन के स्लाट में खाने पर बुला रहे हैं. इसमें भी यह तय कर रहे हैं किस मेहमान को किस फंक्शन में बुलाया जाए. मुरार क्षेत्र में रहने वाले बृजकिशोर दुबे का कहना है उनकी बेटी की शादी भले ही 30 नवंबर को है, मगर मेहमानों के आने का सिलसिला 26 नवंबर से ही शुरू हो चुका है. आनंद नगर में रहने वाले अशोक शर्मा का कहना है उनके बेटे की शादी भी 30 नवंबर को है. हर व्यक्ति अपने बच्चे की शादी धूम-धाम से करना चाहता है. कोरोना काल को हम भले ही आपदा मान रहे हैं, मगर इसने हमें व्यवहार और रिश्ते मजबूत करने का मौका दिया है. मेहमानों को भी पता रहता है किन परिस्थितियों में उन्हें शादी की रस्मों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है, इसलिए वह भी चाहकर भी मना नहीं कर पाते. वे कहते हैं कोरोना से पहले शादियां चंद घंटों की हुआ करती थीं, ऐसा लगता था मानो 20/20 क्रिकेट हो. समझ नहीं आता था क्या हो रहा है, मगर अब हर रस्म को सेलिब्रेट कर पा रहे हैं, लग रहा है दो परिवार टेस्ट मैच खेल रहे हैं.