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ग्वालियर : 1 करोड़ 41 लाख से अधिक रुपए के 180 फर्जी बिल भुगतान करने वाले 5 CMO और 3 कर्मचारियों पर FIR दर्ज…

ग्वालियर : ग्वालियर की आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई (EOW) ने मुरैना जिले की कैलारस नगर परिषद् में बिना सामग्री खरीदी के फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपये की खरीदी का फर्जीवाड़ा पकड़ा है, एक शिकायत की जाँच के बाद EOW ने 5 तत्कालीन सीएमओ , 2 तत्कालीन एकाउंटेंट और एक तत्कालीन टाइम कीपर के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य कई धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया है ।

2020 से 2022 के बीच का है पूरा मामला  

EOW ग्वालियर इकाई में पदस्थ कार्यवाहक निरीक्षक डॉ जयसिंह यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके कार्यालय को फरवरी 2023 में एक शिकायती आवेदन मिला था जिसमें आरोप लगाया गया था कि नगर परिषद् कैलारस के माध्यम से शासन को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है, शिकायतकर्ता ने कहा कि ये पूरा फर्जीवाड़ा 2020 से 2022 के बीच हुआ जिसमें फर्जी बिलों के माध्यम से शासन का पैसा निकाला गया और मिलबांट कर खा लिया गया।

180 फर्जी बिलों के जरिये डकार लिए 1 करोड़ 41 लाख रुपये से ज्यादा 

शिकायत में तत्कालीन टाइम कीपर/स्टोर कीपर  शिवकुमार शर्मा सहित अन्य कई अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम थे, जब मामले की जाँच शुरू की गई तो आरोप सही पाए गए, 2020 से 2022 के दौरान 180 बिल ऐसे प्राप्त हुए जिनका कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला और इनके माध्यम से शासन से 1 करोड़ 41 लाख 75 हजार 825 रुपये का भुगतान प्राप्त कर लिया गया, खास बात ये है कि इन बिलों के जरिये जो सामग्री खरीदना बताया गया वो भी नगर परिषद् में नहीं मिली ।

कैलारस नगर परिषद् के तत्कालीन 5 CMO, दो एकाउंटेंट और एक स्टोर कीपर पर FIR दर्ज   

यानि कैलारस नगर परिषद् के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलीभगत कर बिना सामग्री ख़रीदे फर्जी बिल बनाये और शासन को भेजकर बिलों का भुगतान कर लिया और जो पैसा आया इसे आपस में बांटकर खा लिया, जाँच के बाद EOW ने  तत्कालीन टाइम कीपर/स्टोर कीपर शिवकुमार शर्मा, तत्कालीन सीएमओ संतोष शर्मा, तत्कालीन सीएमओ  अमजद गनी, तत्कालीन सीएमओ संतोष सिहारे, तत्कालीन सीएम ओ रामवरण राजौरिया, तत्कालीन सीएमओ अतर सिंह रावत, तत्कालीन एकाउंटेंट देव प्रकाश शर्मा और तत्कालीन एकाउंटेंट लक्ष्मण सिंह नामदेव के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है , EOW मामले की बारीकी से जाँच कर रही है।