रात 2.30 बजे शिवराज के मंत्री गोपाल भार्गव पहुंचे अस्पताल, मगर कोई नहीं मिला
भोपाल। शिवराज सरकार में पीडब्ल्यू मंत्री और वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव का रात अपने विधानसभा क्षेत्र सागर के गढ़ाकोटा में रात 2:30 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचकर औचक निरीक्षण किया। उनके बार बार आवाज देने पर भी वहां कोई नहीं दिखा। उनका ये वीडियो वायरल हो चुका है। मध्यप्रदेश सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती यह वीडियो शिवराज सरकार के वादों और दावों की पोल खोल रही है। गोपाल भार्गव रात के अंधेरे में खुद स्कूटी चलाकर वास्तविकता की पड़ताल करने निकले थे।
गोपाल भार्गव ने यह पूरा घटनाक्रम खुद सार्वजनिक किया है. उन्होंने अपनी नाराज़गी स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और कर्मचारियों पर निकाली है। उन्होंने लिखा है कि विगत कुछ दिनों से मुझे शिकायत मिल रही थी कि गढ़ाकोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ती है। लेकिन कोई भी डॉक्टर या कर्मचारी उन्हें नहीं मिलते। कल देर रात भोपाल से लौटने के बाद आज दोपहर मुझे फिर से यही शिकायत मिली कि अस्पताल में मरीजों के लिए डॉक्टर या कर्मचारी नहीं मिलते। साथ ही ये भी कि अस्पताल में उपलब्ध कराई गई सरकारी दवाइयां, एक्स-रे फिल्म व्यवस्था भी नहीं है।
लगातार मिल रही थी शिकायत
जब शिकायतें बढ़ गयीं तब रात 2:30 बजे मैंने गढ़ाकोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। मेरे साथ गढ़ाकोटा नगर के कुछ आमजन भी मौजूद थे। मैंने पूरे अस्पताल का दौरा किया. हर जगह घूमा. जोर जोर से आवाज भी लगाई लेकिन कोई भी डॉक्टर, कंपाउंडर, नर्स या पैरामेडिकल स्टाफ यहाँ तक कि चौकीदार भी अस्पताल में उपस्थित नहीं मिला। पूरे अस्पताल की परिक्रमा करने के बाद मैं अपनी स्कूटी से अपने घर लौट गया।
सोऊंगा और न ही सोने दूंगा
गोपाल भार्गव ने फिर लिखा कि सोच रहा हूं ! कैसे गैर जिम्मेदार लोग हैं, कि प्रदेश सरकार में मंत्री के गृह नगर के स्वास्थ्य केंद्र के यह हालात हैं कि मंत्री 2:30 बजे रात को जाग रहा है और कर्मचारी दिन में भी नहीं मिल रहे हैं. यही हाल मेरे विधानसभा क्षेत्र के रहली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और शाहपुर स्वास्थ्य केंद्र का भी है. मैंने आज यह तय किया है कि जब भी मैं अपने क्षेत्र में रहूंगा दिन और रात में कम से कम 2 बार इन अस्पतालों का औचक निरीक्षण अवश्य करूंगा. न ही खुद सोऊंगा और न ही सोने दूंगा. लापरवाही में लिप्त पाए जाने पर इनके विरुद्ध विधि सम्मत जो भी सख्त कार्रवाई की जा सकेगी उसे भी करूंगा.
हफ्ते में दो दिन करेंगे दौरा
गोपाल भार्गव का कहना है महामारी के संक्रमण काल में स्वास्थ्य सेवा जैसी आपातकाल सेवाओं में इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त करने लायक नहीं है. एक तरफ जहां मनरेगा का मजदूर 200 रुपए प्रति दिन की मजदूरी के लिए अपनी हड्डियाँ तोड़ रहा है, वहीं 3-4 हजार रुपए प्रति दिन का मोटा वेतन लेने वाले डॉक्टर और अधिकारी अपने वातानुकूलित घरों में ऐश कर रहे हैं. अब यह नहीं चलेगा. अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों के औचक निरिक्षण के साथ-साथ अब मैं जिला चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था का निरीक्षण भी सप्ताह में 2 दिन करूंगा.