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गोलमाल है भाई सब गोलमाल है, राम मंदिर घिरा घोटाले की चपेट में

अयोध्या: राम मंदिर से जुड़े ज़मीन घोटाले के बीच राम मंदिर क्षेत्र ट्रस्ट अब दो गुटों में बंट गया है. ट्रस्ट के सचिव चंपत राय पर गंभीर आरोप लगे हैं. चंपत राय पर आरोप लगे हैं कि वे हर फैसला अपनी मनमर्जी से ले रहे हैं. चंपत राय किसी भी फैसले की जानकारी ट्रस्ट तक को नहीं देते हैं.
चंपत राय पर यह आरोप ट्रस्ट के ही हिस्सा कमलनयन दास ने लगाए हैं. कमलनयन दास ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास के उतराधिकारी हैं. कमलनयन दास ने कहा है कि महंत नृत्य गोपालदास पिछले एक साल से बीमार चल रहे हैं. इस बीच ट्रस्ट के सचिव अपनी मर्ज़ी से कोई भी फैसला ले रहे हैं.

कमलनयन दास ने कहा है कि चंपत राय द्वारा लिए जाने वाले किसी भी फैसले की जानकारी ट्रस्ट को नहीं दी जाती है. कमलनयन दास ने मीडिया को बताया है कि ट्रस्ट के पास राम मंदिर निर्माण के लिए जनता से लिए गए चार हज़ार करोड़ से ज़्यादा का चंदा है.

डिप्टी सीएम ने मारी पलटी

ज़मीन घोटाले से जुड़े विवाद पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एक दिन के भीतर ही अपने स्टैंड से पलट गए. सोमवार को केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि घोटाले कि जांच के दौरान जो कोई भी दोषी मिलेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी. लेकिन अपने बयान ठीक अगले ही दिन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा रामलला का भव्य मंदिर निर्माण राम द्रोहियों को बर्दाश्त नहीं हो रहा है.

क्या है मामला

यह सारा मामला रविवार शाम को समाजवादी पार्टी के नेता पवन पांडे और आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने उजागर किया. राम जन्मभूमि की भूमि से लगी एक ज़मीन को बीते 18 मार्च को हरीश पाठक से सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने दो करोड़ रुपए में खरीदा था. लेकिन इस खरीद के थोड़ी ही देर बाद राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने इसी ज़मीन को 18 करोड़ में खरीदा.

चंपत राय पर समूचे विपक्ष ने राम के नाम पर घोटाला करने का आरोप लगाया. राजनीतिक दलों ने इस पूरे घोटाले को लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करार दिया. हालांकि चंपत राय का कहना था कि यह सारे आरोप बेबुनियाद हैं. लेकिन जिस तरह से अब खुद ट्रस्ट ही चंपत राय के खिलाफ मुखर हो गया, इस वजह से चंपत राय एक बार फिर मुश्किलों में घिर गए हैं.