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मुझे अँधेरे में रखकर करायी जा रही थी गोडसे की पूजा – बाबूलाल चौरसिया

राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं है. कब क्या हो जाए, यह कोई नहीं कह सकता. कब किसके विचार और विचारधारा बदल जाए, इसका भी कोई निश्चित नहीं है. यही हुआ कुछ बुधवार को भोपाल में. बाबूलाल चौरसिया मंगलवार तक हिन्दू महासभा के कार्यकर्त्ता थे. बुधवार को ही उन्होंने भोपाल में कमलनाथ के समक्ष कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी.
मीडिया ने जब उनसे पूछा कि क्या कारण है गोडसे की विचारधारा छोड़कर आप अब आप कांग्रेस में चले गए हैं तो उनका जवाब था कि मैं तो पहले से ही कांग्रेसी था.

कांग्रेस में शाम‍िल होने के बाद बाबू लाल चौरस‍िया ने कहा क‍ि हिंदू महासभा ने मुझे षड्यंत्र करके मुझे अपने साथ बनाए रखा. जब मुझे लगा कि गलत लोगों के साथ हूं उनकी कार्यशैली मुझे पसंद नहीं आ रही थी इसीलिए मैंने हिंदू महासभा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है. बाबूलाल चौरसिया ने यह भी माना कि पिछली बार ग्वालियर के वार्ड 44 से मैं हिंदू महासभा के कार्यकर्ता के रूप में ही पार्षद बना था.