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गर्भवती पत्नीा को परीक्षा दिलाने के लिए गोड्डा से ग्वालियर 1300KM स्कूिटी चलाया, गहने गिरवी रखकर जुटाए पैसे

ग्वालियर। पत्नी की याद में 20 साल तक पहाड़ काटकर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी पर बनी माउंटेन मैन फिल्म तो आप सभी को याद ही होगी। इस फिल्म में माउंटेन मैन दशरथ मांझी कहते हैं, “जबतक तोड़ेंगे नहीं, तबतक छोड़ेंगे नहीं।“ ऐसे ही कुछ जज्बे के साथ झारखंड के इस अमर नायक की प्रेम कहानी को आगे बढ़ाया है झारखंड के गोड्डा जिले धनंजय माझी ने। जिन्होंने गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने के लिए गोड्डा से ग्वालियर तक का 1300 किलोमीटर का सफर स्कूटी से कर अपनी पत्नी को परीक्षा दिलाने पहुंचे हैं। उनके इस जज्बे का हर कोई आज कायल हो गया है। कोरोना का डर के साथ ट्रेन व बस का नियमित नहीं होने के कारण उन्होंने स्कूटी से आने का फैसला किया। पत्नी के गहने गिरवी रखकर 10 हजार रुपये जुटाए।


तीन दिन तक स्कूटी चलाकर सफर पूरा किया
झारखंड से तीन दिन तक इसी स्कूटी पर सवार होकर धनंजय अपनी गर्भवती पत्नी सोनी हेम्बरम को डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) द्वितीय वर्ष की परीक्षा दिलाने के लिए ग्वालियर पहुंचे। धनंजय झारखंड के गोड्डा जिले के गांव गन्टा टोला के रहने वाले हैं। धनंजय ने करीब 1300 किमी स्कूटी चलाई और झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश के विभिन्न पहाड़ी-मैदानी रास्तों को पार करते हुए मप्र के ग्वालियर पहुंचे।


धनंजय ने बताया कि दोपहिया से लंबे रास्ते में तेज बारिश होने पर हम एक पेड़ के नीचे दो घंटे तक खड़े रहे। बिहार के भागलपुर से गुजरते समय बाढ़ का सामना करना पड़ा,तो कई शहर और गांवों की बदहाल सड़कों से गुजरे। गड्ढों के कारण काफी परेशानी हुई। जबकि मुजफ्फरपुर में एक रात लॉज में और लखनऊ में एक रात टोल टैक्स बैरियर पर भी रुके, लेकिन पहुंच गए।

पत्नी बने शिक्षक
धनंजय कैंटीन में खाना बनाने का काम करते थे और बीते तीन महीने से बेरोजगार हैं। स्कूटी में पेट्रोल भरवाने के लिए धनंजय ने अपनी पत्नी के जेवर 10 हजार रुपये में गिरवी रखे हैं। धनंजय खुद 10वीं पास भी नहीं हैं, लेकिन वे अपनी पत्नी को शिक्षक बनाना चाहते हैं। इसीलिए पत्नी फिलहाल डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन द्वितीय वर्ष की परीक्षा दे रही हैं। धनंजय और सोनी की अरेंज मैरिज दिसंबर 2019 में हुई. इस पर धनंजय ने कहा कि दशरथ मांझी से उसे प्रेरणा मिली है।

सोनी बोली तकलीफें आईं, लेकिन पति ने हौसला बढ़ाया
सोनी ने बताया कि 7 महीने का गर्भ है, जिसके चलते 1300 किलोमीटर का सफर बहुत ही मुश्किल से कटा. कई बार पैर सुन्न हो जाते, तो कभी कमर, पीठ और पेट दर्द से परेशान होना पड़ा. बीच में बारिश और बाढ़ भी आई, लेकिन पति की हिम्मत ने उसे हौसला नहीं खोने दिया. अपने पति धनंजय की तारीफ करते कहती है कि वो टीचर बनना चाहती हैं.