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चित्रकूट में श्रीरामचंद्र पथ गमन न्यास की पहली बैठक आज, सीएम डॉ. मोहन यादव करेंगे अध्यक्षता, 22 जनवरी को अवकाश घोषित कर सकती है सरकार…

भोपाल :अयोध्या में 22 जनवरी को श्री राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले मध्य प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव ने आज मंगलवार को चित्रकूट में अहम बैठक बुलाई है। यह ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट में “श्रीरामचंद्र पथगमन न्यास” की पहली बैठक होगी। बैठक में कामों को लेकर सुझाव और आगामी योजना पर मंथन और राम वन गमन पथ का रोडमैप तैयार होगा। इसके अलावा ऊर्जा विभाग और वाणिज्य कर विभाग की भी सीएम समीक्षा बैठक लेंगे।

इन मुद्दों पर होगी चर्चा, 22 जनवरी की छुट्टी पर ऐलान संभव 

  • दोपहर 1.30 बजे से प्रारंभ होने वाली बैठक में न्यास से संबंधित जानकारी, न्यास के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों का प्रस्तुतीकरण, जिसमें अमरकंटक (प्रसाद योजनान्तर्गत) में प्रस्तावित विकास कार्य, चित्रकूट में कामदगिरि परिक्रमा पथ एवं अन्य प्रस्तावित कार्य, बृहस्पति कुंड तथा चित्रकूट (पवित्र मंदाकनी) के घाटों का विकास कार्यों का प्रस्तुतिकरण तथा लीला गुरुकुल प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना के प्रस्ताव का प्रस्तुतिकरण होगा।
  • बैठक में पर्यटन राज्य मंत्री, मुख्य सचिव, विभिन्न विभागों के प्रमुख एसीएस और प्रमुख सचिव, पांच संभागों के संभागायुक्त और आठ जिलों के कलेक्टर भी रहेंगे।
  • इसमें मुख्य सचिव वीरा राणा वर्चुअली शामिल होंगी। 22 जनवरी को मध्य प्रदेश सरकार अवकाश घोषित कर सकती है।सरकारी अवकाश का प्रस्ताव प्रदेश की मुख्य सचिव की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। सरकारी दफ्तरों के अलावा सभी सरकारी स्कूल कॉलेज की छुट्टी भी घोषित की जाएगी।

न्यास के बारे में

  • श्री रामचंद्र पथ गमन न्यास के अध्यक्ष मुख्यमंत्री है। न्यास में 33 सदस्य है, जिसमें 28 पदेन न्यासी सदस्य है।
  • न्यास का काम केंद्र सरकार की तरफ से प्रदेश में चिह्नित श्री रामवन गमन पथ के पांच संभागों के आठ जिलों के 23 स्थलों का विकास , पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा देना, यात्री सुविधाओं का विकास करना और उनका संचालन करना।
  • मध्य प्रदेश में राम वन गमन पथ चित्रकूट से अमरकंटक तक 370 किलोमीटर है। यहां भगवान राम वनवास के दौरान 11 साल 11 महीने और 11 दिन का समय गुजारा। वज जिस रास्ते से गुजरे उसे राम वन गमन पथ कहा जाता है।
  • प्रदेश में सतना, पन्ना, कटनी, जबलपुर, नर्मदापुरम, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर जिले के स्थलों को चिह्नित किया गया है। इसमें स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, अत्रि आश्रम, शरभंग आश्रम, अश्वमुनि आश्रम, सुतीक्ष्ण आश्रम, सिद्धा पहाड़, सीता रसोई, रामसेल, राम जानकी मंदिर, बृहस्पति कुंड, अग्निजिह्ना आश्रम, अगस्त्य आश्रम, शिव मंदिर, रामघाट, श्रीराम मंदिर, मार्कंडेय आश्रम, दशरथ घाट, सीता मढ़ी शामिल है।