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MP के किसान अब 16 अगस्त तक करा सकते हैं फसल का बीमा, इन दस्तावेजों को रखना होगा साथ…

भोपाल : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना यानि PMFBY के तहत ग्वालियर जिले में खरीफ मौसम की फसलों का बीमा किया जा रहा है। फसल बीमा कराने की तिथि बढ़ा दी गई है। अब किसान भाई 16 अगस्त तक अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं। पहले फसल बीमा कराने के लिये 31 जुलाई अंतिम तिथि थी। बीमित फसलों को प्राकृतिक या स्थानीय आपदाओं व कीट पतंग इत्यादि से नुकसान होने पर किसानों को बीमा का लाभ दिया जाता है।

उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास ग्वालियर आर एस शाक्यवार ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले में पटवारी हल्का स्तर पर बाजरा व धान, तहसील स्तर पर तिल, ज्वार व मूँगफली तथा जिला स्तर पर उड़द फसलों को अधिसूचित किया गया है। किसानों के लिये खरीफ फसल में प्रीमियम दर अनाज, तिलहन, दलहन सभी फसलों के लिये बीमित राशि का 2 प्रतिशत जो भी कम हो वह मान्य होगी।

अलग अलग फसल के लिए बीमा राशि निर्धारित 

बाजरा की फसल के लिए प्रति हेक्टेयर बीमा धनराशि 26 हजार 620 रुपये है, जिसकी 2 प्रतिशत बीमांकन राशि 533 रुपये बनती है। इसी प्रकार धान फसल की बीमा धनराशि प्रति हेक्टेयर 45 हजार 800 रुपये, जिसकी 2 प्रतिशत बीमांकन राशि 920 रुपये होगी। ज्वार फसल की प्रति हेक्टेयर बीमा धनराशि 29 हजार 40 रुपये, जिसकी 2 प्रतिशत बीमांकन राशि 580 रुपये है। तिल फसल की प्रति हेक्टेयर बीमा धनराशि 22 हजार 990 रुपये, जिसकी दो प्रतिशत बीमांकन राशि  460 रुपये है। उड़द फसल की प्रति हेक्टेयर बीमा धनराशि 30 हजार 250 रुपये है, इसकी 2 प्रतिशत बीमांकन राशि 605 रुपये है।

किस बैंक में खुल सकता है खाता 

अऋणी कृषक(जिन पर कोई लों नहीं है) जिस बैंक में उनका खाता है, उस बैंक में जाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं। साथ ही नजदीकी सीएससी (ग्राहक सेवा केन्द्र) एवं एआईसी के प्रतिनिधि के माध्यम से भी फसल का बीमा कराया जा सकता है। इसके अलावा क्रॉप इंश्योरेंस एप व फसल बीमा पोर्टल www.pmfby.gov.in पर भी बीमा कराने की सुविधा उपलब्ध है।

इन दस्तावेजों के आधार पर करा सकते हैं बीमा

किसान भाई आधारकार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति व भूमि संबंधित दस्तावेज (खतौनी) इत्यादि के आधार पर अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं। विस्तृत जानकारी के लिये कृषि विभाग के नजदीकी कार्यालय, स्थानीय बैंक, सीएससी एवं एआईसी प्रतिनिधि से संपर्क किया जा सकता है।