सिपाही के कोरोना पॉजिटिव होने की झूठी रिपोर्ट वायरल होने पर परिवार का हुक्का-पानी बंद, सगाई भी टूटी
शिवपुरी। कोरोना संक्रमण लोगों की जान लेने के साथ मान सम्मान तक ले रही है। कोरोना के एक झूठे मामले और अफवाह ने एक परिवार का न केवल गांव में हुक्का पानी बंद करवा दिया बल्कि उस परिवार के सिपाही बेटे की सगाई तक टूट गई। ये अफवाह भी एक पंचायत सचिव और जनपद सीईओ ने फैलाई।
शिवपुरी जिले की बदरवास तहसील के इंदार गांव के निवासी रूप सिंह छतरपुर की पुलिस लाइन में आरक्षक है। चार दिन पहले वे छतरपुर से अपने गांव इंदार 15 दिन की छुट्टी लेकर इसलिए आए थे क्योंकि करैरा का एक परिवार उनकी सगाई तय करने आने वाला था।
गांव आते ही रूप सिंह ने सोचा कि दूसरे जिले से आए हैं तो एहतियात के तौर पर कोरोना की जांच करवा लेनी चाहिए। हालांकि परिवार के लोगों ने कहा कि भले चंगे तो हो फिर जांच की क्या जरूरत, लेकिन रूप सिंह से जागरूकता का परिचय देते हुए जांच करवाने का फैसला लिया। वे सैंपल देने गए तो उन्होंने मास्क, फेस कवर, ग्लव्स पहन लिए। इस दौरान किसी ने सिपाही रूप सिंह का फोटो खींच लिया। इस फोटो को पंचायत सचिव सुरेश जाटव ने पंचायत के एक ग्रुप में यह लिखकर पोस्ट कर दिया कि इंदार निवासी रूप सिंह पुत्र नीलम जाटव को कोरोना निकला। आज पुलिस रूप सिंह को यह कपड़े पहनाकर जांच के लिए ले गई है।
सीईओ को भेजा मैसेज
इसके बाद सचिव ने यही मैसेज जनपद सीईओ दिनेश शाक्य को भेज दिया। सीईओ ने भी इसका संदेश जनपद ग्रुप में डाल दिया जबकि रूप सिंह ने सिर्फ सैंपल दिया था, उनकी रिपोर्ट तब तक नहीं आई थी। बाद में रिपोर्ट भी निगटिव आई लेकिन सिपाही के कोरोना पॉजिटिव होने की अफवाह के बाद उसके परिवार को गांव की दुकानों से राशन मिलना बंद हो गया और दूधियों ने दूध देना भी बंद कर दिया।
झूठी खबर से सगाई टूटी
रुप सिंह ने बताया शादी पक्की होने की परिवार द्वारा सूचना मिलने पर गांव आया था लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने को अफवाह लड़की वालों तक पहुंची तो उन्होंने हमारे फोन उठाना बंद कर दिए। वे निश्चित तारीख पर गांव नहीं आए। इस झूठी कोरोना की रिपोर्ट ने तो हमारी ऐसी बदनामी करवाई, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती है।
कहते हैं कि देखो कोरोना जा रहा है
अपनी और परिवार की पीड़ा सुनाते हुए आरक्षक रूप सिंह ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव होने की झूठी जानकारी वायरल होने पर जिन लोगों के साथ गांव में पीढ़ियों से संबंध थे, वे भी शक की निगाह से देखने लगे। हमारे मुंह फेरते ही कहते कि देखो कोरोना जा रहा है। और तो और राशन की दुकान और पानी लाने में भी लोगों को परेशानी हुई। छुआछूत जैसा व्यवहार हमारे साथ हुआ। इससे मेरा और परिवार का हौंसला टूटा।
इस बदनामी को मैं जीवन भर नहीं भुला सकूंगा
मेरे परिवार की बदनामी इस एपिसोड से जितनी हुई है, उसे मैं जीवनभर नहीं भूलूंगा। बचपन में जहां खेला पला बढ़ा, उन्होंने ही मुंह फेर लिया। और तो और हमारी सगाई ही टूट गई। जिस काम के लिए मैं छतरपुर से गांव आया, वह भी गलत रिपोर्ट से प्रभावित हुआ। इसलिए मैं अब गांव से वापस ड्यूटी पर पहुंच रहा हूं। रूप सिंह जाटव, आरक्षक, निवासी इंदार