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अगर आप मध्य प्रदेश से हैं तो जरूर जाइये मध्य प्रदेश के इन मेलों में

सिंहस्थ मेला (कुंभ मेला): उज्जैन

भारत में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेलों में से एक कुंभ मेला सिंहस्थ मेला है. जो मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे पर आयोजित होता है. सिंहस्थ मेले का आयोजन प्रत्येक बारह वर्ष के अंतराल पर किया जाता है.

जागेश्वरी देवी का मेला/जोगेश्वरी देवी का मेला: चंदेरी

अशोक नगर जिले के चंदेरी में हजारों वर्षों से जागेश्वरी देवी का मेला/जोगेश्वरी देवी का मेला आयोजित किया जा रहा है.

हीरा भूमिया मेला: ग्वालियर

हीरा भूमिया मेला कई वर्षों पुराना है. यह मेला ग्वालियर क्षेत्र में अगस्त और सिंतबर महीने में आयोजित किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि हीरामन बाबा के आशीर्वाद से महिलाओं का बांझपन दूर हो जाता है. हीरामन बाबा का नाम ग्वालियर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में बहुत प्रसिद्ध है.

पीर बुधन का मेला: शिवपुरी
यह मेला लगभग 250 वर्षों से शिवपुरी जिले के सांवरा क्षेत्र में लग रहा है। पीर बुधन के मेले का आयोजन अगस्त-सितंबर महीने में मुस्लिम संत पीर बुधन के मकबरे पर किया जाता है।

तेजाजी का मेला: गुना
गुना जिले के भामावड़ में पिछले कई वर्षों से तेजाजी के मेले का आयोजन किया जा रहा है. तेजाजी की जयंती पर यह मेला आयोजित होता है. निमाड़ जिले में भी तेजाजी का मेला आयोजित होता है. ऐसा कहा जाता है कि तेजाजी के पास एक ऐसी शक्ति थी जो शरीर से सांप का जहर उतार देती थी.

महामृत्युंजय का मेला: रीवा
रीवा जिले में महामृत्यंजना का मंदिर स्थित है यहां बसंत पंचमी और शिवरात्रि को महामृत्युंजय का मेला लगता है.

रामलीला का मेला: दतिया
इस मेले का आयोजन दतिया जिले की भांडेर तहसील में किया जाता है. यह मेला 100 वर्षों से अधिक समय से चला आ रहा है. इस मेले का आयोजन जनवरी-फरवरी महीने में होता है.

अमरकंटक का शिवरात्रि मेला: अमरकंटक
नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक में शिवरात्रि मेला लगता है. इस मेले का आयोजन कई वर्षों से किया जा रहा है.

चांदी देवी का मेला/चंडी देवी का मेला: सीधी
सीधी जिले के घोघरा नामक स्थल पर चांदी देवी/चंडी देवी को देवी पार्वती का अवतार माना जाता है. यहाँ पर चांदी देवी का मेला/चंडी देवी का मेला मार्च-अप्रैल में लगता है.

बरमान का मेला: नरसिंहपुर
बरमान का मेला नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी के किनारे पर स्थित सुप्रसिद्ध ब्राह्मण घाट पर मकर संक्रांति के अवसर पर 13 दिवसीय मेला लगता है.

काना बाबा का मेला: होशंगाबाद
काना बाबा का मेला होशंगाबाद जिले के सोढलपुर नामक गांव में काना बाबा की समाधि पर आयोजित किया जाता है.

नागाजी का मेला: मुरैना
मुरैना जिले के पोरसा क्षेत्र में अकबर कालीन संत नागाजी की स्मृति में नागाजी का मेला आयोजित किया जाता है. यह मेला एक महीने तक चलता है.

कालूजी महाराज का मेला: खरगौन
कालूजी महाराज का मेला खरगौन जिले ( पश्चिमी निमाड़ ) के पिपल्या खुर्द में लगभग एक माह तक लगता है. ऐसा माना जाता है कि 200 वर्ष पूर्व कालूजी महाराज यहाँ पर अपनी शक्ति से आदमियों और जानवरों की बीमारी ठीक करते थे.

सिंगाजी का मेला: खरगौन
सिंगाजी का मेला खरगौन जिले (पश्चिमी निमाड़) के पिपल्या गांव में अगस्त-सितंबर महीने में एक सप्ताह को मेला लगता है।

धामोनी उर्स: सागर
सागर जिले के धामोनी में स्थित बाबा मस्तान अली शाह की मजार पर अप्रैल-मई महीने में धामोनी उर्स का आयोजन किया जाता है.

भगोरिया हाट/भगोरिया मेला: झाबुआ
भगोरिया हाट/भगोरिया मेला झाबुआ जिले में प्रतिवर्ष होली के अवसर पर आयोजित किया जाता है.

बाबा शहाबुद्दीन औलिया का उर्स: नीमच
बाबा शहाबुद्दीन औलिया का उर्स नीमच जिले में फरवरी महीने में सिर्फ चार दिनों के लिए आयोजित किया जाता है. यहां बाबा शहाबुद्दीन की मजार है.

सोनागिर का मेला: दतिया
होली के अवसर पर दतिया में स्थित सोनागिर में प्रसिद्ध श्री दिगंबर जैन तीर्थ स्थल पर पांच दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है.

मठ घोघरा का मेला: सिवनी
सिवनी जिले के भैरवनाथ नामक स्थल पर शिवरात्रि पर्व के अवसर पर 15 दिवसीय मठ घोघरा का मेला लगता है.