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मिसाल : एमडी की मौत के बाद कंपनी ने 180 सीटर प्लेन बुक कर पार्थिव शरीर व परिजनों को घर भेजा

इंदौर। कोरोना कॉल में जहां कंपनियां अपने कर्मचारियों का वेतन कम करने से लेकर उनको नौकरी से निकाल रही है ऐसे संकट के समय में एक कंपनी ने मृत कर्मचारी और उसके परिजनों को घर भेजने के लिए 180 सीटर विमान बुक कर कोलकाता से इंदौर सकुशल घर भेजने का ऐतिहासिक काम किया है।


विसुवियस इंडिया लिमिटेड कंपनी ने जो किया है शायद उसका उदाहरण पहले कहीं देखने को नहीं मिलता। कोलकाता में स्थित इस कंपनी ने अपने एक मैनेजिंग डायरेक्टर की मौत के बाद बॉडी इंदौर में घर तक पहुंचाने के लिए 180 सीटर प्लेन बुक कर दिया।


परिजन बताते हैं कि जब प्लेन कोलकाता में नहीं मिला तो दिल्ली से व्यवस्था की गई। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि कंपनी ऐसा कोई कदम उठाएगी। कंपनी ने करीब 50 से 60 लाख रुपए खर्च कर परिवार को बॉडी के साथ इंदौर भेजा। कंपनी के दो पदाधिकारी भी तीन दिन तक इंदौर में रहे और सभी कार्यक्रम संपन्न करवाने के बाद वापस लौटे।
इंदौर के उषा नगर एक्टेंशन निवासी रितेश डूंगरवाल कोलकाता में कंपनी में मैनेजिंग डारेक्टर थे। वे कंपनी से दो साल से ज्यादा समय से जुड़े हुए थे। रितेश के साले बादल चौरड़िया ने बताते हैं कि जीजाजी की 19 अगस्त को हार्टअटैक से मौत हो गई थी। परिवार उनकी बॉडी को लाने की व्यवस्था में लगा था, लेकिन इसी दौरान कंपनी ने एक अचंभित करने वाला निर्णय लिया। परिवार के सपोर्ट के लिए कंपनी ने तत्काल 30 कर्मचारी उनके घर पर भेज दिए। उसी दिन उन्होंने बॉडी को इंदौर भिजवाने के लिए प्लेन की व्यवस्था की। कंपनी ने जो उदाहरण पेश किया, वह हमारे लिए सोच से परे था।

रितेश के भाई सौरभ डूंगरवाल कहते हैं कि हम नहीं चाहते थे कि कोलकाता में अंतिम संस्कार हो। इंदौर भाई की कर्मभूमि थी, इसलिए हम चाहते थे कि इंदौर में ही अंतिम संस्कार किया जाए। शुरुआत में हमने प्राइवेट जेट से लाने की कोशिश की। जिसमें भैया के साथ भाभी और दो बच्चे आ सकें। प्राइवेट जेट का दिल्ली से कोलकाता और फिर इंदौर लाने की प्रोसेस चल रही थी, लेकिन इसमें काफी समय लग रहा था। इसी बीच कंपनी ने अपनी ओर से एक पूरा इंडिगो प्लेन बुक कर दिया। कंपनी ने इतना बड़ा कदम उठाया, यह बहुत बड़ी बात है।

रितेश के सुसर राजेंद्र चौरड़िया बताते हैं कि हमें आश्चर्य इस बात का था कि लॉकडाउन में बड़ी-बड़ी कंपनियां छंटनी कर रही हैं। मैंने अपनी लाइफ में पहली बार ऐसा वाक्या देखा जब एक कंपनी अपने कर्मचारी की बॉडी को भेजने के लिए पूरा 180 सीटर प्लेन बुक कर दे और कंपनी में अच्छे पद पर मौजूद दो लोगों को बॉडी के साथ उनके घर तक भेजे। कंपनी ने रुपए को ना देखते हुए अपने कर्मचारी और उनके परिवार की फ्रिक कर मानवता की मिसाल पेश की है।