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पीपीई किट व मास्क के उपयोग के बाद भी स्‍वास्‍थ्‍य विभाग का अमला कोरोना संक्रमण का शिकार हो रहा है

ग्वालियर कोरोना वायरस से बचाव के हथियार पीपीई किट व मास्क भी डॉक्टरों को संक्रमण से बचाने में बेअसर साबित हो रहे हैं। अब तक जयारोग्य अस्पताल में करीब 30 लोग कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। इनमें सीनियर डॉक्टरों के अलावा जूनियर डॉक्टर, रेसीडेंट, नर्सिंग स्टाफ, वार्ड ब्वॉय एवं सफाई कर्मचारी शामिल हैं। जीआर मेडिकल कॉलेज ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर संक्रमित हुए स्टाफ की जानकारी मांगी है। जिससे रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजी जा सके।

जेएएच में अंचल सहित आसपास के राज्यों से भी मरीज उपचार लेने पहुंचते हैं। कोरोना पॉजिटिव मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती किया जाता है। यहां पर तो स्टाफ हमेशा ही पीपीई किट एवं मास्क पहनता है। हालांकि पीपीई किट, मास्क पहनने के बाद भी स्टाफ संक्रमण का शिकार हो चुका है। जबकि अन्य विभागों व आइसीयू में काम करने वाले स्टाफ को केवल मास्क व ग्लब्ज ही मिलते हैं।

ऐसे में मरीज का चेकअप करते समय डॉक्टर सीधे मरीज के संपर्क में आने से संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। शासन स्तर से निर्देश दिए गए हैं कि अस्पताल में पॉजिटिव आने वाले डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर सहित अन्य स्टाफ की पूरी जानकारी रोजाना भोपाल भेजी जाए। इसलिए जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। कुछ विभागों ने जानकारी भेजना भी शुरू कर दिया है।

अब तक की स्थितिः मेडिसिन, कोल्ड ओपीडी, न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, पैथोलॉजी में भी डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, वार्ड ब्वॉय एवं सफाई कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं। इन विभागों में काफी संख्या में मरीज भी संक्रमित पाए गए हैं। आशंका है कि मरीजों से ही डॉक्टर एवं अन्य स्टाफ भी संक्रमण की चपेट में आया है।

बरती जा रही सतर्कताः जेएएच के डॉक्टर एवं स्टाफ में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है, इसलिए अब सभी विभागों में नियमित सैनिटाइजेशन शुरू करा दिया गया है। साथ ही स्टाफ को विशेष हिदायत दी जा रही है कि वह बिना मास्क एवं ग्लब्ज के किसी के संपर्क में आने से बचें। यदि पॉजिटिव मरीज के संपर्क में जाए तो पीपीई किट जरूर पहनकर जाएं।

किस विभाग में कौन आया पॉजिटिव

विभागः- मेडिसिन

संक्रमित स्टाफः-प्रोफेसर, एसआर मुकेश तोमर, जस्टिन, आरएमओ डॉ उमेश, डॉ आकाश

विभागः-सर्जरी

संक्रमित स्टाफः-डॉ सन्नी गुप्ता, डॉ नीलेश गिरी, डॉ लोकेश पुरोहित, कम्प्युटर ऑपरेटर विकास।

विभागः-पीडियाट्रिक्स

संक्रमित स्टाफः-डॉ गोरा रंगनाथ, डॉ विद्यापति शास्त्री, डॉ दीक्षा शोक, डॉ आयुष अग्रवाल, डॉ निकुंज भटनागर एवं नर्सिंग स्टाफ भावना भोंसले।

विभागः-एनस्थेशिया

संक्रमित स्टाफः-इंदौर से फर्स्ट इयर पीजी छात्रा ने मेडिकल कॉलेज में विभाग में पहुंचकर ज्वाइनिंग दी थी। छात्रा ने जब हॉस्टल में रूम के लिए आवेदन किया तो नियमानुसार कोरोना टेस्ट कराया गया। जिसमें छात्रा पॉजिटिव पाई गई। छात्रा ने एक दिन भी विभाग में ड्यूटी नहीं की थी।

विभागः- न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी

संक्रमित स्टाफः-तीन सीनियर रेसीडेंट, एक फिजियोथेरेपिस्ट, दो नर्सिंग स्टाफ, वार्ड ब्वाय, सफाई कर्मचारी सहित करीब 8 लोग संक्रमित पाए गए हैं।

विभागः-कार्डियोलॉजी

संक्रमित स्टाफः-नर्सेस, वार्ड ब्वाय सहित 5 लोग यहां संक्रमित पाए गए हैं।

इनका कहना है

डॉक्टर, नर्सेस, वार्ड ब्वॉय को कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए संपर्क में आना पड़ता है। स्टाफ 8-10 घंटे तक ड्यूटी कर रहा है। हमने सभी को हिदायत दी है कि वह पीपीई किट, मास्क अनिवार्य रूप से पहनें, जिससे संक्रमण से बचा जा सके।

डॉ, आरकेएस धाकड़, अधीक्षक जेएएच