रोजगार कार्यालय ही बंद तो कहाँ की बेरोजगारी
बेरोजगारी दूर करने एक ही तरीका है. लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना. लेकिन प्रदेश की शिवराज सरकार ने एक नया ही तरीका ईजाद किया है. रोजगार कार्यालयों को बंद करना.
रोजगार कार्यालय बंद हो जाएंगे तो बेरोजगार उसमें अपना पंजीकरण ही नहीं कराएँगे. जब बेरोजगारी का पंजीकरण ही नहीं होगा तो कहाँ की बेरोजगार. इसलिए सरकार रोजगार कार्यालय को ही बंद करके बेरोजगारी के आंकड़े कम करना चाह रही है.
एक खबर के अनुसार प्रदेश भर में 51 रोजगार कार्यालय संचालित हैं. अब सरकार उनमें से 36 रोजगार कार्यलय बंद करने जा रही है. अब प्रदेश भर में मात्र 15 रोजगार कार्यालय ही संचालित होंगे. जिनमें बेरोजगार रोजगार पाने के लिए अपना पंजीकरण करा सकेंगे.
बेरोजगारी खत्म करने का ये नया तरीका है पंजीयन खत्म कर दीजिये, कोई डाटा रहेगा नही तो फिर काय कि बेरोजगारी…
मप्र में बेरोजगारी अब कागजों में पूर्णतया ख़त्म हो जायेगी।