BhopalMadhya Pradesh

चुनावी स्लोगन और उनके प्रभाव

बात निकली है तो दूर तलक जाएगी कुछ ऐसा ही पद्य प्रदेश के चुनाव में हुआ बीते चुनाव में कुछ स्लोगन या कहें नारे ऐसे छाये की चुनावी समीकरण पर भरी पड़े
एक शोधकर्ता ने मध्यप्रदेश चुनाव में स्लोगन का क्या प्रभाव पड़ा उसका शोध किया जिसमे उसने दो स्लोगन बताये जिसके कारन मतदाताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ और चुनाव कमलनाथ के पक्ष में आ गया


पहला है “कमल नहीं कमलनाथ चुनो” शोधकर्ता ने बताया इस स्लोगन ने सबसे ज्यादा प्रभाव डाला है आम जनता के दिमाग में घर कर गया जो आज भी प्रभाव डाल रहा है आम जनता उपचुनाव को लेकर भी उत्साहित है और उपचुनाव की चर्चा करने पर “कमल नहीं कामनाथ चुनो” का ही नारा सूना देती है
वही दूसरा स्लोगन “जो विकास की बात करेगा वही मध्य प्रदेश पर राज करेगा” का प्रभाव पड़ा है चुनावी चर्चा में लोग इस स्लोगन का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं

खैर ख़ास बात यह है की दोनों ही स्लोगन कांग्रेस के है जिस कारण जनता के उपचुनाव के रुझान को समझा भी जा सकता है की कमलनाथ ने किस तरह से मध्यप्रदेश में अपनी पैठ बनाई है आगामी उपचुनाव में वह भी देखने को मिल जाएगा मगर जिस तरह से मतदाता इशारों में अपनी बात रख रही है उससे यही लगता है की उपचुनाव कामनाथ के ही पक्ष में जाएगा