Madhya Pradesh

चील नाम एक,अपशकुन अनेक

चील अतिसुंदर पक्षियों में गिना जाता है, जब चील आकाश में उड़ान भरता है तो उसे देखकर मोहित हुए बिना नहीं रहा जा सकता है. आकाश में उड़ना और फिर अगले ही पल नीचे की ओर गोता लगाना, अद्बितीय प्रतीत होता है. चील से सम्बन्धित शकुन काफी  माने जाते हैं, हालांकि इनसे शकुन अब कम ही मिलते है, लेकिन जब मिलते हैं तो काफी प्रभावी पाये जाते हैं

चील से जुड़े शकुन/ अपशकुन

1- जिस भवन के ऊपर चीलें बैठना शुरू कर देती है, उस भवन में रहने वाले व्यक्तियों का सौभाग्य समाप्त हो जाता है. उस मकान में रहने वाले दुर्भाग्यशाली हो जाते हैं। प्राय: ऐसे भवन उजड़ ही जाते है.

2- उड़ते समय चील किसी के मस्तिष्क से स्पर्श करती हुई जाए या उसका पंजा सिर पर लगे तो शीघ्र ही उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है या फिर उसे मृत्यु तुल्य कष्ट उठाना पड़ता है.

चील की आवाज़ अगर इस तरह आये  तो समझ जाना

– अगर चील का चिरी-चिरी का स्वर सुनाई पड़े तो अशुभ होता है.

– अगर ची-ची- ची- ची का स्वर सुनाई दे तो शुभ फल प्राप्त होता है.

– अगर चिकु-चिकु का शब्द सुनाई दे तो घर में कोई मेहमान आता है.

– चिची- चिची का उच्चारण अशुभ होता है. अगर कभी आपको कूचि कूचि का शब्द उच्चारित करती हुई चील दिखाई दे तो उसे जल का दान देना चाहिए. ऐसा दान, दानकर्ता के लिए शुभ होता है. हालांकि चील ऐसी आवाज कम ही उच्चारित करती हैं,लेकिन शकुन तो भगवान का प्रसाद होता है, इसलिए जिसका भला होना है, वह चील का कूचि-कूचि स्वर सुनता है.

– अगर चिक्रू-चिक्रू का शब्द करे तो दरिद्रता की सूचना होती है.

– चिलि-चिलि का शब्द शुभप्रद है.

– अगर चील चिलिकु-चिलिकु की तरह का स्वर उच्चारित करें तो लक्ष्मी कृपा करती हैं.

– शूलि-शूलि का स्वर करें तो रोजगार में उन्नति कराती है.

– चील अगर कितु-कितु का स्वर उच्चारित करें तो इच्छानुसार फल की प्राप्ति होती है.