अफसरशाही की लापरवाही के चलते अब भूखे पेट सोने को मजबूर हो रहे हैं किसान
भोपाल: सूबे में किसान पुत्र मुख्यमंत्री होने के बाद भी हजारों किसान ऐसे हैं , जो अफसरशाही की लापरवाही के चलते अब भूखे पेट सोने को मजबूर हो रहे हैं. इनकी फसल खरीदने के बाद भी सरकार द्वारा महीनों के इंतजार के बाद भुगतान नहीं किया गया है. इन किसानों को सरकार पर फसल का 41 करोड़ रुपए बकाया है. इस राशि का भुगतान न होने की वजह बन रहे अफसरों व कर्मचरियों पर अब तक सरकार कोई कार्रवाई तक नहीं कर सकी है. दरअसल इन किसानों का गेंहू उपार्जन समितियों ने ले तो लिया है , लेकिन उसे अब तक नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों तक भेजा ही नहीं है, जिससे भुगतान अटका हुआ है. फिलहाल इस गेंहू की मात्रा करीब 32 हजार टन है.
इसमें से करीब 28 हजार टन गेंहू तो ऐसा है जिसे समितियों को सुधारकर देना है. दरअसल इस साल प्रदेश सरकार में 16 लाख से ज्यादा किसानों से 129 लाख टन गेहूं खरीदा गया , जो देश में सर्वाधिक था. इसके एवज में किसानों को 24 हजार 910 करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया गया , लेकिन 32 हजार टन का मामला ऐसा उलझा कि अब तक नहीं सुलझ सका है. जिससे हजारों किसानों का भुगतान अटक गया है. समितियों ने इस गेहूं को अब तक निगम के गोदामों में जमा नहीं कराया है. नियम के तहत निगम तक गेहूं न आने की वजह से वह किसानों को भुगतान नहीं कर सकता है. इसके लिए गेहूं का गुणवत्तायुक्त होना जरूरी है.
सूत्रों की माने तो इस बार खरीदे गए गेंहू मे से लापरवाही के चलते बारिश से 36 हजार 255 टन गेहूं बेहद खराब हो जाने से जिला उपार्जन समिति द्वारा नीलाम कराकर निगम के खाते में राशि जमा करा दी गई. अब इस मामले को सुलझाने के लिए प्रमुख सचिव ने अधिकारियों से सभी जिलों से प्रतिवेदन मंगाने के निर्देश दिए हैं. जिससे भुगतान के आधार की तलाश की जा सके। यही नहीं यह भी तय किया जा सके कि यदि नुकसान हुआ है तो उसकी भरपाई किससे की जाए. इस मामले में निगम के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल का कहना है कि जो अनाज निगम को सौंपा गया, उसका भुगतान किया जा चुका है. जो भुगतान लंबित है, उसको लेकर कार्रवाई चल रही है.
31 जिलों के किसानों का है बकाया
सूत्रों के मुताबिक कुल 31 जिलों में हजारों किसानों का भुगतान होना बाकी रह गया है. इसमें सर्वाधिक 1742 किसान उज्जैन जिले की 108 सहकारी समितियों से जुड़े हैं. इनका 21 करोड़ 96 लाख रुपए का भुगतान बाकी है. भोपाल में 148 किसानों का 1.38 करोड़ ओर राजगढ़ के 126 किसानों का 1.79 करोड़ का भुगतान बाकी है.