शिवराज सरकार के कुप्रबंधन के कारण मध्यप्रदेश में इतने बुरे हालात हुये
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि कोरोना काल में मप्र में संक्रमण से 1.5 लाख मौतें हुई हैं. लेकिन सरकार कोरोना से मौतों के आंकड़े छिपाकर नियंत्रण की बातें कर रही है. यदि सभी कब्रिस्तान और श्मशान में होने वाले अंतिम संस्कार के आंकड़े लेकर जांच करा ली जाए तो हकीकत सामने आ जाएगी. मौतों का यह आंकड़ा बढऩे की वजह दवाओं और व्यवस्थाओं का टोटा रहा.
कमलनाथ ने केंद्र सरकार पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की गई. दुनिया के सबसे बड़े पैकेज में से एक था, लेकिन इससे किसी को कोई लाभ नहीं हुआ. किसान, रोज खाने-कमाने वाला आज भी अपने हाल पर है. बानमोर जैसे औद्योगिक क्षेत्र तबाह हो रहे हैं. हमने भी पेन ड्राइव या ई-टैंडर की राजनीति नहीं की. हमने अपने 15 माह के कार्यकाल में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बावजूद बेहतर काम किया.
पूर्व मुख्यमंत्री करधाम से मुरैना आए और प्रदेश कांग्रेस के सचिव प्रबलप्रताप सिंह मावई के भाई सतेंद्र सिंह मावई की कोरोना से मौत पर परिजनों संवेदना व्यक्त करने उनके घर पहुंचे. इसके अलावा व्यावसायिक एवं औद्योगिक विकास बैंक के चेयरमेन केशवलाल अग्रवाल के निधन पर और कांग्रेस के नगर अध्यक्ष विक्रम मुदगल के घर पर भी परिजन के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की.