मंदिर में विराजमान है ‘डाक्टर हनुमान’, जानें कैसे पड़ा इनका ये नाम
ऐसी मान्यता है कि लंबे समय से एक साधु बीमार चल रहा था जिसको कैंसर था कहा जाता है कि इस मंदिर के हनुमान स्वयं अपने भक्त का इलाज करने डॉक्टर बनकर यहां आए थे। भगवान के दर्शन पाकर वह साधु बिल्कुल भला चंगा हो गया और तभी से यहां पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है जो अपने मन में यह आशा लेकर आते हैं कि डॉक्टर हनुमान उनके भी कष्ट और पीड़ा को समाप्त कर देंगे ।
कहते हैं कि कैंसर फोड़ा अल्सर जैसी बीमारियां मंदिर के पांच परिक्रमा करने से दूर हो जाती हैं ,यह भी कहा जाता है कि मंदिर का भभूत सभी प्रकार की बीमारियों में औषधि का कार्य करता है ।
मानो तो भगवान ना मानो तो पत्थर
भारतीय संस्कृति में ईश्वर का स्थान सर्वोपरि है और शायद यही कारण है कि माता-पिता के साथ-साथ मनुष्य अपने दुख दर्द ईश्वर को भी बताता है मैं उन भाग्यशाली लोगों में से एक हूं जिन्हें डॉक्टर हनुमान मंदिर के प्रांगण में और वहां के वातावरण में जा कर के वहां की शक्तियों को महसूस करने का आनंद प्राप्त हुआ है , कुछ बात है तो जरूर जो वहां जाकर आप अपने प्रत्येक रोम में सकारात्मक ऊर्जा के रूप में महसूस करते हैं। फिलहाल मेरी तो ईश्वर से यही प्रार्थना थी कि जो भी श्रद्धालु वहां पर आ रहे हैं उन सभी श्रद्धालुओं की पीड़ा को और इस पूरी वसुंधरा पर प्रत्येक मनुष्य के कष्ट हमारे प्यारे डॉक्टर हनुमान जितना जल्दी हो सके खत्म करें जिससे इस धरा पर प्रत्येक मनुष्य एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन का साक्षी बन सके।