क्या आपको पता है श्री राम की मृत्यु का सच?
जल में समाधि लेने से पूर्व श्रीराम ने एक योजना के तहत अपने प्रिय भाई लक्ष्मण का त्याग कर दिया. श्रीराम के द्वारा स्वयं का त्याग किए जाने से लक्ष्मण ने सरयू नदी में समाधि ले ली. साथ ही श्रीराम ने अपने तथा अपने सभी भाइयो के पुत्रों में अयोध्या व भारतवर्ष के अन्य राज्यों का बंटवारा कर दिया. इसके बाद देहत्याग की आज्ञा लेने के लिए श्रीराम अपने राजगुरु महर्षि वशिष्ठ के आश्रम में गए.
श्रीराम ने अपने राजगुरु महर्षि वाल्मीकि जी से आज्ञा ली तथा सरयू नदी में समाधि लेने को निकल पड़े. उनका महाप्रस्थान देखने को पूरी अयोध्या, देवता, गन्धर्व, ब्रह्मा पुत्र इत्यादि सब आये थे. जब भगवान राम ने सरयू नदी में प्रवेश किया तभी आकाश मार्ग में भगवान ब्रह्मा प्रकट हुए तथा उन्हें अपने चतुर्भुजधारी विष्णु रूप लेने को कहा.
भगवान श्रीराम ने अपना विष्णु रूप लिया तो आकश से पुष्प वर्षा होने लगी तथा उनके वाहन गरुड़ देवता वहां आये. भगवान विष्णु उस पर जाकर बैठ गए तथा भरत शत्रुघ्न को अपने अंदर समा लिया जो उनके सुदर्शन चक्र तथा शंख के रूप थे.
इसके पश्चात उन्होंने लंका के राजा विभीषण को प्रजा के कल्याण के लिए कार्य करने को कहा तथा भगवान जगन्नाथ की पूजा करने का आदेश दिया. उन्होंने हनुमान को कलियुग के अंत तक जीवित रहने तथा श्रीराम कथा के द्वारा लोगो को प्रेरणा देने का आदेश दिया. उन्होंने ब्रह्मा पुत्र जाम्बवंत को द्वापर युग के अंत तक धरती पर रहने का आदेश दिया.
इसके पश्चात उन्होंने भगवान ब्रह्मा से कहा कि यहाँ जितने लोग आये है वह भी मेरे साथ समाधि लेना चाहते है इसलिये उन्हें उत्तम लोक प्रदान करे. इस पर भगवान ब्रह्मा ने कहा कि जो भी आपका सच्चा भक्त हैं तथा इस सरयू नदी में समाधि लेगा उन्हें संतानक लोक में स्थान मिलेगा. यह लोक स्वर्ग लोक से ऊपर तथा ब्रह्म लोक के निकट है.
इतना सुनकर भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठकर अपने धाम चले गए. इसके पश्चात मंत्री सुमंत, राजा सुग्रीव तथा मित्र केवट समाधि लेकर अपनी-अपनी देवयोनि में मिल गए. अंत में श्रीराम के अनन्य भक्तों ने एक-एक करके सरयू नदी में समाधि ले ली.
इस प्रकार श्रीराम ने अंत में अपना देहत्याग कर दिया व सभी भक्तो के साथ अपने धाम को लौट गए. वहां माता लक्ष्मी पहले से ही उनकी प्रतीक्षा कर रही थी. श्रीराम के देहत्याग के बाद उनके पुत्रों लव व कुश ने अयोध्या का राज सिंहासन संभाला जबकि उनके भाई के पुत्रों ने अन्य राज्यों का.