Madhya Pradesh

घोटाला : डायरेक्ट्रेट सैनिक कल्याण बोर्ड का जाली खाते में जमा किए 3 करोड़ रुपए, ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की

भोपाल। भोपाल स्थित डायरेक्ट्रेट सैनिक कल्याण बोर्ड में हुए घोटाले में अब ईओडब्ल्यू ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है। आरोपी नीरज चतुर्वेदी ने फर्जी अकाउंट खुलवा कर उसमें करीब 3 करोड़ की राशि ट्रांसफर की थी। ईओडब्ल्यू ने आरोपी नीरज पर गबन, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।

ईओडब्ल्यू को मिली शिकायत के अनुसार सैनिक कल्याण बोर्ड के कर्मचारी नीरज चतुर्वेदी ने कई साल पहले सैनिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन के नाम से फर्जी अकाउंट खुलवाया था। इस अकाउंट में अलग-अलग मामलों में करोड़ों रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। जब इस बात का पता चला तो 2019 में सहायक संचालक कर्नल अश्विनी कुमार ने घोटाले का खुलासा किया। चतुर्वेदी ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। उस पर आरोप है कि फ़र्जी अकाउंट से राशि खुद के और दूसरों के अकाउंट में ट्रांसफर की गई। इनमें प्रॉपर्टी ब्रोकर, भू-स्वामी, एसोसिएट से जुड़े लोग भी शामिल हैं।

गृह विभाग के अधिकारी भी शामिल
इस घोटाले में सैनिक कल्याण बोर्ड के कर्मचारियों के अलावा गृह विभाग के कई बड़े अफसरों का नाम भी सामने आ रहा है. यही कारण है कि अब गृह विभाग में इन अफसरों के नाम को लेकर चर्चा होने लगी है. यह मामला काफी साल पुराना है, इसलिए बोर्ड के स्तर पर तमाम दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं।

इस तरह किया गबन
राज्य स्तर पर भूतपूर्व सैनिकों, उनके आश्रितों के पुनर्वास और भूतपूर्व सैनिकों को रोजगार दिलाने का काम सैनिक कल्याण बोर्ड के जरिए किया जाता है. 2014 में सर्विस टैक्स का ई-पेमेंट कंपलसरी करने पर बोर्ड का सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की टीटी नगर शाखा में चालू खाता खुलवाया गया. इसी बैंक में समिति का बचत खाता पहले से था. इस खाते में जिलों से मिलने वाले सर्विस चार्ज के चैक औऱ अन्य पैसा जमा होता था. इसी खाते से संबंधित विभागों के पेमेंट के लिए पैसा जमा किया जाता था. समिति का पूरा लेखा काम आरोपी नीरज चतुर्वेदी देखता था.आरोपी नीरज चतुर्वेदी बोर्ड के अकाउंट में जमा सर्विस टैक्स, जीएसटी, ईपीएफ, कटौत्रा, बीमा का पैसा अपने चालू खाते में ट्रांसफर करता रहा.

इंटरनेट बैंकिंग से ट्रांसफर
नोटशीट में ईपीएफ, बीमा आदि का जितना पैसा जमा कराना होता था आरोपी नीरज चतुर्वेदी उससे कहीं ज्यादा पैसे का बिल पास करा लेता था. अधिक बिल से बचा पैसा वो अपने बचत खाता में अज्ञात के साथ मिलकर इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से ट्रांसफर कर देता था. उसने 2014 से 2019 तक कुल 2 करोड़ 95 लाख 47 हजार 444 रुपए अपने खाते में जमा कराए.EOWकी टीम अब नीरज चतुर्वेदी की तलाश कर रही है क्योंकि नीरज चतुर्वेदी से पूछताछ में दूसरे आरोपियों की भूमिका और उनके नामों का खुलासा हो पाएगा.