Bhopal

5 साल सरकार चलती तो शिवराज सरकार का पूरा भांडा फूटता, शिवराज के OSD पर लगाए गंभीर आरोप

भोपाल: दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह के ओएसडी पर बड़ा आरोप लगाया है. वहीं उन्होंने आयकर छापेमारी को सीएम शिवराज सिंह चौहान की साजिश बताते हुए प्रेस कांफ्रेस के जरिए सफाई दी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी भी जांच के लिए तैयार है. पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर सीबीआई का जमकर दुरुपयोग करने सहित कई आरोप लगाए.

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सबसे करीबी अफसर नीरज वशिष्ठ ही पैसों का लेन-देन का काम देखते हैं. 2013 में आयकर ने छापे मारे थे, जिसमें कम्प्यूटर की जांच में यह जानकारी मिली थी कि 12 और 29 नवंबर 2013 को नीरज वशिष्ठ ने गुजरात के मुख्यमंत्री को 5-5 करोड़ रुपए दिए. ऐसी कई एंट्री आयकर विभाग को मिली थीं.

दिग्विजय ने कहा कि उस समय डायरी और कम्प्यूटर से मिली जानकारी के आधार पर नीरज वरिष्ठ के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होना चाहिए. उन्होंने कहा कि नीरज वरिष्ठ प्रथम श्रेणी के अफसर हैं. प्रथम श्रेणी के अफसर पूर्व मुख्यमंत्री का ओएसडी नहीं बनाया जा सकता, लेकिन शिवराज सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से कह कर नियमों के खिलाफ वशिष्ठ की पोस्टिंग कराई थी.दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेताओं पर आयकर छापे इसलिए मारे गए, क्योंकि कमलनाथ सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में सिंहस्थ, ई-टेंडरिंग से लेकर कई घोटालों पर सख्ती दिखाई थी. शिवराज सरकार के तीसरे कार्यकाल में 1 हजार करोड़ का घोटाला हुआ. जिसने यह घोटाला पकड़ा, वे सीएम के प्रमुख सचिव हैं. यदि पांच साल मौका मिलता, तो शिवराज सरकार के कई मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई होती. इससे बचने के लिए बीजेपी ने कमलनाथ सरकार को गिराया था.